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निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र-नियन्त्रण

निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र-नियन्त्रण

(Disarmament and Arms Control)

निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को बनाए रखना, समकालीन अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में एक सबसे अधिक लोकप्रिय धारणा है। 1985 को नोबेल पुरस्कार उन भौतिक वैज्ञानिकों को दिया गया था जो शस्त्रों के विरुद्ध, विशेषकर परमाणु शस्त्रों के विरुद्ध, मानवीय चेतना को लगाने का प्रयत्न कर रहे थे। यह इस बात का प्रमाण था कि आज निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण भावी पीढ़ियों को युद्ध की विभीषिका से बचाने के लिए सबसे अच्छे साधन माने जाते थे। शस्त्र युद्ध के साधन होते हैं। इसलिए इनको समाप्त करके युद्ध की सम्भावनाओं को कम किया जा सकता है।

एक ही पीढ़ी के अन्दर-अन्दर, वास्तव में 20 वर्षों के अन्तराल में, दो विश्वयुद्धों से उत्पन्न हानि के कारण तथा भविष्य में परमाणु युद्ध की सम्भावना के कारण अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति तथा व्यवस्था को बनाए रखना हमारी सभ्यता के लिए स्थायी चिन्ता का कारण बन गया। की सम्भावनाओं को कम करना या समाप्त करना अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों का मुख्य उद्देश्य बन गया तथा इसके लिए निःशस्त्रीकरण अथवा शस्त्र-नियन्त्रण आदर्श साधन समझे गये। निःशस्त्रीकरण की धारणा में विद्यमान शस्त्र-भण्डार को समाप्त करने का निर्णय शामिल है तथा शस्त्र-नियन्त्रण की अवधारणा में, शस्त्रों के विस्तार तथा उनके अनुचित प्रयोग के लिए भविष्य में शस्त्रों के उत्पादन को नियन्त्रित किये जाने का विचार शामिल है। निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण दोनों ही युद्ध को रोकने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय शांति, व्यवस्था तथा सुरक्षा के विकास के लिए सम्भव तथा प्रभावशाली साधन समझे जाते हैं।

निःशस्त्रीकरण का अर्थ

(Meaning of Disarmament)

निःशस्त्रीकरण के अर्थ का संक्षेप में वर्णन करना बहुत कठिन है। व्यावहारिक रूप में इसका अर्थ सभी शस्त्रों के पूर्ण परित्याग से लेकर कुछ प्रकार के (आक्रमण तथा पूर्णतया विध्वंसक) शस्त्रों के नियमन तथा नियन्त्रण से, सभी कुछ है। इस अवधारणा में कई आयाम तथा व्याख्याएं हैं। निःशस्त्रीकरण की परिभाषा देने से पहले निःशस्त्रीकरण के साथ जुड़े कई शब्दों के अर्थ जान लेना अधिक आवश्यक है। सामान्य निःशस्त्रीकरण का अर्थ है एक, ऐसा निःशस्त्रीकरण जिसमें सभी राष्ट्र भाग लें। स्थानीय निःशस्त्रीकरण का अर्थ है राष्ट्रों की सीमित संख्या द्वारा निःशस्त्रीकरण करना। परिमाणात्वक निःशस्त्रीकरण का अर्थ है। बहुत सारे या सभी प्रकार के शस्त्रों में सभी प्रकार की कटौती करना। गुणात्मक निःशस्त्रीकरण का अर्थ है केवल विशिष्ट प्रकार के विध्वंसकों में कटौती या उन्मूलन करना। परम्परागत निःशस्त्रीकरण परमाणु शस्त्रों को समाप्त करने की वकालत करता है। विस्तृत तथा सामान्य निःशस्त्रीकरण का अर्थ है सभी राष्ट्रों द्वारा सभी प्रकार के शस्त्रों को समाप्त कर देना या इनमें कटौती करना। यह परिभाषा कुछ विद्वानों द्वारा दिए गए पूर्ण निःशस्त्रीकरण के विचार के बिल्कुल निकट है। पूर्ण निःशस्त्रीकरण का अर्थ यह है कि एक ऐसी विश्व व्यवस्था जिसमें युद्ध कला में सभी मानवीय तथा भौतिक उपकरणों का उन्मूलन करना तथा किसी भी प्रकार का कोई भी शस्त्र नहीं होगा।

  • मार्गेन्थों के शब्दों में, “शस्त्र-दौड़ को समाप्त करने के उद्देश्य से विशेष या सभी प्रकार के शस्त्रों की समाप्ती या कटौती, निःशस्त्रीकरण कहलाती है।”
  • निःशस्त्रीकरण की परिभाषा देते हुए श्लीचर लिखते हैं, “शाब्दिक इसका अर्थ है शारीरिक अहिंसा के लिए भौतिक तथा मानवीय साधनों की समाप्ती या कटौती। परन्तु कुछ वर्षों के पश्चात इसका अर्थ अब, दो या दो से अधिक राष्ट्रों द्वारा स्वेच्छा से समझौते द्वारा ऐसे सभी उपकरणों को सीमित करना, कटौती करना, उन्मूलन या नियन्त्रण करना कुछ भी हो सकता है।”
  • वी.वी. डाईक के शब्दों में, “सैन्य-शक्ति से सम्बन्धित किसी भी नियन्त्रित करने या प्रतिबन्ध लगाने के कार्य को निःशस्त्रीकरण की कार्यवाही समझा जाता ।”

निःशस्त्रीकरण का स्वरूप

(Nature of Disarmament)

निःशस्त्रीकरण का अर्थ है अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में युद्ध को रोकने के लिए साधन के रूप में शस्त्रों में कटौती करना या उनका त्याग करना। वुल्फ तथा कोलम्बिस लिखते हैं : ”शुद्ध अर्थों में, निःशस्त्रीकरण का अभिप्राय सार्वभौम शस्त्र- भण्डार को समाप्त करना तथा सभी सेनाओं को शस्त्रों से रहित करना है। निःशस्त्रीकरण में विध्वंसक तथा सभी प्रकार की शस्त्र सेनाओं को विसंस्थापित करने की आवश्यकता होती है।” इसका आधार यह है कि “अगर तुम अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में शान्ति तथा व्यवस्था चाहते हो तो युद्ध के उपकरणों (शस्त्रों) का त्याग कर दो या उन्हें सीमित कर दो। इस तरह यह धारणा इस विचार का विरोध करती है कि अगर तुम शान्ति चाहते हो तो युद्ध के लिए तैयार हो जाओ। यह धारणा सभी प्रकार के शस्त्रों को या कम-से-कम विध्वंसक शस्त्रों का परित्याग करके विद्यमान भयंकर स्थिति को समाप्त करने के पक्ष में है जिसमें परमाणु शस्त्रों के कारण मानवता भयानक तथा पागल बना देने वाले आतंक के सन्तुलन में रह रही है। सकारात्मक रूप में निःशस्त्रीकरण का अर्थ है युद्ध सामग्री के परित्याग द्वारा युद्ध के भय से समूचे विश्व को मुक्त करवा कर स्थायी तथा सद्भावपूर्ण परिस्थितियों की स्थापना करना । बैंजमिन वी. कोहीन ने ठीक ही कहा है, “निःशस्त्रीकरण को एक ऐसी प्रक्रिया कहा जा सकता है जो ऐसी स्थितियां पैदा करती है जिनमें राष्ट्रों के विश्व-शान्ति को भंग करना या इसे संकट में डालना असम्भव या कठिन हो जाता है। यह युद्ध की तैयारी की लागत में कटौती करवाने वाली कोई सौदेबाजी की प्रक्रिया नहीं है।” निःशस्त्रीकरण के स्वरूप के सम्बन्ध में अधिक स्पष्टता के लिए हमें निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण में अन्तर का विश्लेषण करना होगा।

शस्त्र-नियन्त्रण : अर्थ

(Arms Control : Meaning)

‘निःशस्त्रीकरण’ तथा ‘शस्त्र-नियन्त्रण’ ये शब्द प्रायः उलझनपूर्ण हैं तथा आमतौर पर ये पर्याय समझे जाते हैं। वास्तव में, ये दोनों भिन्न होते हुए भी एक दूसरे से सम्बन्धित हैं। इन दोनों के बीच काफी सूक्ष्म अन्तर है। क्योंकि हमने ‘निःशस्त्रीकरण’ की पहली ही परिभाषा दे दी है इसलिए अब हम ‘शस्त्र-नियन्त्रण’ को परिभाषित करेंगे तथा उसके बाद इन दोनों में अन्तर तथा दोनों का आपस में सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयत्न करेंगे।

शस्त्र-नियन्त्रण क्या है?

(What is Arms Control?)

श्लीचर लिखते हैं, “शस्त्र-नियन्त्रण को कुछ लेखक व्यापक शब्द मानते हैं जिसमें शस्त्रों के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का ऐसा सहयोग शामिल है जो शस्त्र-दौड़ में कटौती कर सके, युद्ध की सम्भावनाओं को कम कर सके या इसके क्षेत्र तथा हिंसा को सीमित कर सके। इसमें राज्यों के एकपक्षीय निर्णय, उनके बीच अनौपचारिक आपसी समझ तथा औपचारिक रूप से समझौता वार्ताएं तथा संस्थानीकृत समझौते शामिल होते हैं। इसमें युद्ध के लाभों की बजाय युद्ध उद्यम में कटौती करने पर बल दिया जाता है। शस्त्र-नियन्त्रण में कुछ विशेष प्रकार के शस्त्रों पर प्रतिबन्ध या युद्ध-सामग्री में कटौती शामिल होती है।”

शस्त्र कटौती एवं शस्त्र प्रतिबन्ध

(Arms Reduction and Arms Limitations)

शस्त्र-नियन्त्रण के दो भाग हैं-

  1. शस्त्रों में कटौती, तथा
  2. शस्त्रों पर प्रतिबन्ध ।

शस्त्रों में कटौती (या आंशिक निःशस्त्रीकरण) का अर्थ है, इसमें शामिल राष्ट्र राज्यों के लिए सर्व-स्वीकृत शस्त्रों को रखना। शस्त्रों में कटौती का फार्मूला या तो विश्व या फिर क्षेत्रीय स्तर पर लागू हो सकता है। कोलोम्बिस तथा वुल्फ के अनुसार, “शस्त्रों पर प्रतिबन्ध जिस शस्त्र निरोध भी कहा जाता है, में युद्ध के प्रभाव को सीमित करने तथा इसके अचानक छिड़ जाने की सम्भावनाओं को रोकने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के अन्तर्राष्ट्रीय समझौते शामिल होते हैं।” शस्त्रों को सीमित करने के अन्तर्गत यह व्यवस्था भी आती है यदि परमाणु-शस्त्र अचानक ही चल जायें तो हम उन सभी को जो सुरक्षापूर्ण ढंग से ऐसे समय में उन परमाणु प्रक्षेप शस्त्रों को असफल बना सके, जो अकस्मात् चल जाते हैं, तथा संकट के समय निर्णय लेने वाले प्रमुख राष्ट्रों के बीच निरन्तर सम्बन्ध बनाये रखने की व्यवस्था व विशिष्ट प्रकार के परमाणु परीक्षणों के लिए अलग करना विलम्बन-काल निश्चित करना तथा दो या दो से अधिक राष्ट्रों के बीच शस्त्रों की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए समझौता करना तथा तृतीय विश्व के देशों की सैनिक तकनीक, ज्ञान देने पर रोक लगाना, इन सब को इसमें रख सकते हैं। शस्त्रों को सीमित करने के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय कानून के परम्परागत नियम भी आ जाते हैं जिनका उद्देश्य सैन्य आवश्यकता के सिद्धान्त के अनुसार निर्धारित सीमा के अन्दर युद्ध विध्वंसकता तथा क्षेत्र सीमित करना होता है।

निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र-नियन्त्रण में अन्तर

(Difference between Disarmament and Arms Control)

  1. निःशस्त्रीकरण का सम्बन्ध अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों के अनुसार युद्ध सामग्री तथा सैनिकों की संख्या में कटौती करना है जबकि शस्त्र-नियन्त्रण का सम्बन्ध उन सभी अन्तर्राष्ट्रीय उपायों तथा समझौतों से है जो उन शस्त्रों के प्रयोग को सीमित करते हैं तथा नियमित करते हैं जिनको प्रयोग की आज्ञा दी गई है और इससे अभिप्राय निषिद्ध-कार्यों की व्यवस्था लागू करने से है न कि कुछ प्रकार के शस्त्र और सैनिक रखने से है।
  2. निःशस्त्रीकरण द्वारा विद्यमान शस्त्रों को समाप्त करने या नष्ट करने का प्रयत्न किया जाता है, शस्त्र-नियन्त्रण में भविष्य में शस्त्रों के उत्पादन/प्रयोग के सम्बन्ध में सर्वसम्मत तथा वांछित निर्णय शामिल होता है। निःशस्त्रीकरण में शस्त्र-नियन्त्रण आवश्यक रूप से उसी प्रकार शामिल नहीं होता, जिस प्रकार शस्त्र-नियन्त्रण में युद्ध सामग्री के स्तर में किसी भी प्रकार की कटौती शामिल नहीं होती।
  3. ‘निःशस्त्रीकरण का अर्थ सशस्त्र सेनाओं को उनके शस्त्रों तथा साजो-सामान, अड्डों तथा बजट सहित, सीमित करके कटौती करने या बहिष्कार करने की व्यवस्था या योजना है। दूसरी ओर शस्त्र-नियन्त्रण का सम्बन्ध उस शस्त्र-नीति के बहुपक्षीय सहकारी दृष्टिकोण से होता है जिसमें, शस्त्रों के प्रकार तथा मात्रा, शान्तिकाल या तनावपूर्ण परिस्थितियों के अनुसार सेनाओं में कमी या वृद्धि करने तथा उपयोगिता से होता है। इसका उद्देश्य, युद्ध-सामग्री की क्षमताओं के सामंजस्य द्वारा प्राकृतिक सुरक्षा की स्थिति को सुदारना होता है। इन दोनों में अन्तर का विश्लेषण करते हुए वी.वी. डाईक लिखते हैं, “शस्त्र-नियन्त्रण सकारात्मक प्रकार के उन उपायों की ओर संकेत करता है जो शान्ति की स्थापना के विचार से सोच-समझ कर तथा दृढ़ निश्चय से अपनाए जाते हैं जबकि निःशस्त्रीकरण नकारात्मक तथा प्रतिबन्धित प्रकार के उन उपयोगों की ओर संकेत करता है जिनका परिणाम अपने-आप निकलने की कल्पना की जाती है।” साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि निःशस्त्रीकरण द्वारा युद्ध-सामग्री को नियन्त्रित करने तथा शस्त्र-नियन्त्रण द्वारा शस्त्र दौड़ को नियन्त्रित करने के प्रयत्न किए जाते हैं।

निःशस्त्रीकरण एवं शस्त्र-नियन्त्रण के बीच सम्बन्ध

(Relations between Disarmament and Arms Control)

निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। शस्त्र-नियन्त्रण के बिना, निःशस्त्रीकरण से किसी भी स्थायी उद्देश्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। विद्यमान युद्ध सामग्री में कटौती करने या शस्त्र-परित्याग करने की कोई भी योजना तब तक अपूर्ण रहेगी जब तक शस्त्रों के उत्पादन या शस्त्र-दौड़ के नियमन या भविष्य के नियन्त्रण की कोई योजना नहीं बनती। इसी तरह शस्त्र-नियन्त्रण अपने-आप में सार्थक उद्देश्य तब तक प्राप्त नहीं कर सकता जब तक शस्त्रों के वर्तमान भण्डार को कम या समाप्त न किया जाये। शस्त्र-नियन्त्रण निःशस्त्रीकरण की शर्त है जैसे कि निःशस्त्रीकरण शस्त्र-नियन्त्रण की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण के मूल उद्देश्य एक जैसे हैं- अन्तर्राष्ट्रीय समाज में शक्ति के अवैध प्रयोग की सम्भावनाओं को रोकना, उसे प्रतिबन्धित एक जैसे हैं- अन्तर्राष्ट्रीय समाज में शक्ति के अवैध प्रयोग की सम्भावनाओं को रोकना, उसे प्रतिबन्धित करना या उसमें कटौती करना।

इस तरह हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण दोनों भिन्न परन्तु आपस में घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित धारणाएं हैं। दोनों एक-दूसरे की पूरक हैं। दोनों मिलकर आतंक के सन्तुलन तथा ‘पागलपन’ की स्थिति से, जो युद्धोत्तर काल के अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में पैदा हो गई है, मानवता को मुक्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

विश्व जनमत आज इस बात को स्वीकार करता है कि अन्तर्राष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा को वर्तमान संकट से छुटकारा दिलवाने की अति शीघ्र आवश्यकता है तथा इस उद्देश्य के लिए निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण को सम्भव तथा प्रभावशाली साधन मानता है। शक्तिशाली राष्ट्र आर्थिक कारणों से एक-दूसरे के पूर्ण विनाश के भय से तथा परमाणु शस्त्रों के विस्तार की चिन्ता के प्रति चिन्ता अर्थात् देश समस्या के कारण निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण चाहते हैं। विकासशील राष्ट्र को शक्ति सम्बन्धों में वर्तमान असन्तुलन को समाप्त करने, आर्थिक विकास तथा अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व्यवस्था की सुरक्षा तथा विकास के कारण इनकी आवश्यकता है। निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण की धारणा के समर्थकों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है क्योंकि अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में वर्तमान शस्त्र-दौड़ को बनाये रखने या विस्तृत करने में कोई बात दिखाई नहीं देती। साधारण युद्ध से ‘पूर्ण युद्ध तक’ युद्ध के स्वरूप में परिवर्तन के कारण भी मानता युद्ध की सम्भावनाओं को कम करने या समाप्त करने के लिए विवश हो गई है। निःशस्त्रीकरण तथा शस्त्र-नियन्त्रण इस उद्देश्य की प्राप्ति के सम्भव तथा आवश्यक साधन माने जाने लगे हैं। अब अमरीका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन तथा कई अन्य देशों ने शस्त्र-नियन्त्रण के सम्बन्ध में एक सहमति बनाई है। अब चीन तथा फ्रांस भी परमाणु शस्त्र-नियन्त्रण की आवश्यकता को स्वीकार करने लगे हैं।

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