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इंटरनेट का उपयोग

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इंटरनेट का उपयोग

छात्रों द्वारा ई-विषयवस्तु के विकास में  इंटरनेट का उपयोग

(Use of Internet in the development of e-content by Students)

आज सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के युग में इंटरनेट की क्रान्तिकारी भूमिका को सभी क्षेत्रों में स्वीकारा जा रहा है। आज इंटरनेट के उपयोग में असाधारण वृद्धि देखी जा रही है। हालाँकि विकसित देशों में इण्टरनेट सेवा का विकास तीव्र गति हुआ है परन्तु विकासशील देशों में कम्प्यूटर उपयोग की गति धीमी है। यहाँ इंटरनेट का शिक्षा के क्षेत्र में उपयोग किस प्रकार सम्भव हो पा रहा है, का वर्णन निम्नलिखित प्रकार है-

  1. इंटरनेट का शिक्षा के क्षेत्र में अनुप्रयोग—

    इंटरनेट के संचालन के लिए कम्प्यूटर का ज्ञान होना अति आवश्यक है। आज प्रायः अधिकांश विद्यालयों में छात्रा को प्राथमिक स्तर पर ही कम्प्यूटर का ज्ञान दिया जाता है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि आगे आने वाले समय में शिक्षा सम्बन्धी शंकाओं के समाधान के लिए कम्प्यूटर पर ही निर्भर होना पड़ेगा। आज इंटरनेट के माध्यम से ही शिक्षा का क्षेत्र विश्वस्तरीय बनता जा रहा है। आज जो नवाचार अमेरिका में हो रहा है उसे भारत में बैठा छात्र इंटरनेट के माध्यम से शीघ्र ही प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार शैक्षिक व्यवस्था को प्रत्येक क्षेत्र में इंटरनेट का सफलतम अनुप्रयोग सम्भव है।

  2. इंटरनेट का सामाजिक नेटवर्किंग में अनुप्रयोग-

    आज विभिन्न प्रकार की सामाजिक गतिविधियों को संगठित रखने तथा व्यवस्थित करने में इंटरनेट के महत्व को सर्वोपरि माना जा रहा है। आज सामाजिक नेटवर्किंग का क्षेत्र बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान में तरह-तरह के मैसेज, जी-मेल तथा ई-मेल के प्रयोग से विश्व के तमाम देश एक-दूसरे से सम्बद्ध होते जा रहे हैं। आज विभिन्न प्रकार की सामाजिक गतिविधियों को व्यवस्थित रख पाने में इंटरनेट का अनुप्रयोग सफल सिद्ध हो रहा है। सभी देश सामाजिक गतिविधियों से सम्बन्धित जानकारी के लिए इण्टरनेट के माध्यम से जुड़ते जा रहे हैं इस प्रकार आज सामाजिक नेटवर्किंग के आधार रूप में कम्प्यूटर जाना जा रहा है।

  3. इंटरनेट का मनोरंजन के क्षेत्र में अनुप्रयोग—

    मनोरंजन के क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग प्रायः दो रूपों में किया जा रहा है—1. प्रथमतः मोबाइल फोनों के माध्यम से सीधा सम्पर्क तथा दूसरा वीडियो गेम, पिक्चर, ऑडियो गीतों को डाउनलोड करके। मनोरंजन के आवश्यकतानुसार इसको सुनकर तथा देखकर व्यवहारिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है। इस प्रकार विकसित तथा विकासशील देशों में इंटरनेट के माध्यम से मनोरंजन सेवाओं का लाभ अर्जित किया जा रहा है।

  4. राजनीति के क्षेत्र में इंटरनेट की उपयोगिता–

    वर्तमान समय में राजनैतिक गतिविधियों को व्यापक रूप दिलाने में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है। इसके संचालन में इण्टरनेट का प्रयोग होता है। आज प्रत्येक देश के संविधान एवं राजनैतिक व्यवस्था को कम्प्यूटर के माध्यम से व्यवस्थित किया जा रहा है। इसकी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। आज राजनेता ट्विटर के प्रयोग से अपने विचारों को एक-दूसरे राजनैतिक दलों तथा जनसाधारण में आदान-प्रदान कर रहे हैं । मोबाइल फोन पर भी तरह-तरह के कार्यक्रम तथा रैलियों को देखा तथा सुना जा सकता है।

  5. इंटरनेट का संस्कृति एवं सभ्यता के क्षेत्र में अनुप्रयोग—

    आज के माध्यम से प्रत्येक देश की सभ्यता एवं संस्कृति के विषय में जानकारी उपलब्ध हो रही है। सभ्यता एवं संस्कृति सम्बन्धी वेबसाइट निर्माण का कार्य सभी देशों में किया जा रहा है। आज विश्व के सभी शिक्षित व्यक्ति एक-दूसरे देश की संस्कृति एवं सभ्यता का ज्ञान इंटरनेट द्वारा आदान प्रदान कर सकते हैं या कर रहे हैं। सही मानें में आज सर्वमान्य सार्वभौमिक वैश्विक संस्कृति का उदय हो रहा है जिसका लाभ इंटरनेट के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति उठा सजता है अर्थात इंटरनेट सभ्यता एवं संस्कृति के ज्ञान को प्राप्त करने में लाभदायक है।

छात्रों की ज्ञान वृद्धि कराने में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका

(Role of ICT for Knowledge Enhancement for Students)

वर्तमान में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग ने शिक्षा के स्वरूप को व्यापक बना दिया है। यह प्रौद्योगिकी विभिन्न क्रियाओं या तकनीकी के माध्यम से जो शिक्षा सम्बन्धी सामग्री को छात्रों तक पहुँचाती है। उसे “शिक्षा में ऑनलाइन प्रवेश कराने वाली विधियाँ” के नाम से जाना जाता है। आज के शैक्षिक परिवेश में प्रत्येक छात्र अपनी शैक्षिक शंकाओं/समस्याओं का समाधान नवीन तकनीकी माध्यम द्वारा घर बैठे सीधे सम्पर्क द्वारा करना चाहता है। इस कार्य को इण्टरनेट एवं कम्प्यूटर ने आसान बना दिया है। आज के तकनीकी युग में छात्र विभिन्न प्रकार के साधनों का उपयोग कर रहा है। यहाँ वह साधन कौन-कौन से हैं, का विवरण निम्न प्रकार है-

  1. वेबसाइट के प्रयोग द्वारा ज्ञानार्जन-

    आज छात्रों को प्रत्येक विषय की पाठ्य-सामग्री कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट द्वारा वेबसाइट खोलकर उपलब्ध हो रही है। वर्तमान समय में विभिन्न प्रकार के सर्च इंजनों द्वारा तैयार वेबसाइट जो कि तरह-तरह के विषयों पर वैज्ञानिकों विशेषज्ञों द्वारा बनायी गयी है, को कम्प्यूटर द्वारा प्रयोग में लाया जा रहा है। आज किसी भी छात्र को किसी विषय की जानकारी प्राप्त करनी है तो वह गूगल सर्च इंजन के माध्यम से उपयोगी वेबसाइट की खोजकर सकता है तथा संचार प्रौद्योगिकी के माध्यमों से इसका लाभ प्राप्त कर सकता है।

  2. लिंकडिन सर्विस की सहायता से ज्ञानार्जन—

    इस सेवा की शुरुआत सामान्य जनता के लाभ के लिए की गयी। इस सेवा का विकसित स्वरूप वर्ष 2003 से व्यवहार में आया है। वर्तमान में इस सेवा का उपयोग 200 देशों में किया जा रहा है। लिंकडिन एक सामाजिक नेटवर्किंग सेवा है। इसके द्वारा सामाजिक, व्यावसायिक तथा शैक्षिक सामग्री को प्राप्त किया जा सकता है।

इस सेवा का इस्तेमाल इण्टरनेट के माध्यम से किया जा रहा है। इसकी वेबसाइट www.linkedin.com है। यह सेवा प्रभावी रूप से 20 भाषाओं में उपलब्ध है। इसके माध्यम से ज्ञानार्जन की सामग्री को प्राप्त किया जा रहा है। इसका प्रधान कार्यालय कैलोफोर्निया में है तथा वर्तमान में इस सेवा का उपयोग मोबाइल फोनों द्वारा भी किया जा रहा है।

  1. ट्विटर का शैक्षिक उपयोग–

    ट्विटर की उपयोगिता शिक्षा जगत को है। इसके माध्यम से छात्र विभिन्न विद्वानों द्वारा तैयार ज्ञान को ट्वीट करके ज्ञानार्जन किया जा रहा है। आज अनेकों विद्वान शिक्षा जगत से जुड़कर ट्विटर का प्रयोग कर रहे हैं। छात्र गणित, विज्ञान तथा शिक्षा सम्बन्धी सामग्री को ट्वीट के माध्यम से अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं। यह साधन भी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की शैक्षिक उपयोगिता को निर्धारित करता है।

  2. फेसबुक पेजों की सहायता से ज्ञानार्जन–

    वर्तमान समय में फेसबुक एकाउन्ट बनाने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। वह अपनी बनायी गयी फेसबुक में अपने सामाजिक तथा शैक्षिक विचारों को अपलोड करता है। आज छात्रों को अपने ज्ञान वृद्धि में यह तकनीकी अत्यन्त लाभदायक सिद्ध हो रही है। छात्र अपनी रुचि के अनुसार फेसबुक के माध्यम शैक्षिक परिचर्चा आदि में भाग लेकर अपनी आवश्यकतानुसार शैक्षिक गतिविधियों का लाभ उठा सकते हैं।

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी- महत्वपूर्ण लिंक

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