कम्प्यूटर (Computer)
कम्प्यूटर का अर्थ व परिभाषा
कम्यूटर को विद्युत मस्तिष्क की संज्ञा दी गयी है। कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द “Computare” से हुई जिसका अर्थ है—”गणना करना” अथवा “गिनती करना”। आज कम्प्यूटर को एक नवीन प्रविधि माना गया है जिसके द्वारा अंकगणित तथा तर्कसंगत क्रियाओं को संग्रह किया जाता है। कम्प्यूटर एक विद्युतीय विधि है जिसके अन्तर्गत निवेश के रूप में क्रियाएँ दी जाती हैं जो निर्गत या अपेक्षित उपलब्धि प्रदान करती है। “कम्प्यूटर एक विधि है जो आँकड़ों का विश्लेषण करके उन्हें अर्थपूर्ण बनाता है।”
अत: कम्प्यूटर को निम्न परिभाषा से अधिक अच्छे से स्पष्ट किया जा सकता है-
“कम्प्यूटर एक ऐसी विद्युतीय विधि है जो विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को निर्देशों के अनुरूप विश्लेषण करके परिणामों को विश्वसनीय तथा वैध रूप में प्रस्तुत करती है।”
शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया में कम्प्यूटर की भूमिका (Role of Computer in Teaching-Learning Process)
शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में कम्प्यूटर की भूमिका निम्न रूपों में है—
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शिक्षक के रूप में (Computer as Teacher)—
मनुष्य के मस्तिष्क में संचित सूचनाएँ समय के साथ-साथ धूमिल हो जाती हैं, परन्तु जो सूचनाएँ कम्प्यूटर में संचित की जाती हैं, वे वैसी ही बनी रहती है। यदि किसी विषय को विद्यार्थी एक बारे में ठीक प्रकार से समझ नहीं पाया है, तो कम्प्यूटर की सहायता से वह इस विषय का अध्ययन बार-बार कर सकता है जो कि शिक्षण में एक शिक्षक द्वारा सम्भव नहीं है।
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ज्ञान के स्रोत के रूप में (Computer as Source of Knowledge)-
विद्यार्थी को किसी विषय के बारे में गहन जानकारियाँ प्राप्त करने के लिए बड़े-बड़े; पुस्तकालयों की मोटी-मोटी पुस्तकों को पढ़ना होता है। कम्प्यूटर के लिए उपलब्ध अनेक ऐसे ज्ञान कोष हैं जिसमें से हम अपने लिए उपयोगी जानकारी को अत्यन्त अल्प समय में ब्राप्त कर सकते हैं।
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सूचनाओं के संग्रह करने में (Computer as Storage of Information)–
शिक्षा प्रशासन में कम्प्यूटर की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण होती जा रही है। किसी भी विद्यालय जिसमें हजारों विद्यार्थी होते हैं से लेकर बोर्ड, जिसमें कि लाखों परीक्षार्थी भाग लेते हैं, के लिए विद्यार्थियों के बारे में वांछित जानकारियों को रखने का कार्य कम्प्यूटर की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।
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परीक्षक के रूप में (Computer as Examiner)-
शिक्षण प्रक्रिया की सफलता का आंकलन परीक्षा मूल्यांकन के द्वारा सम्भव होता है। आधुनिक युग में कम्प्यूटर का उपयोग मापन तथा मूल्यांकन के लिए भी किया जाता है।
कम्प्यूटर के कार्य (Functions of Computer)
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शिक्षा प्रशासन के क्षेत्र में (Computer an Educational Administration)-
कम्प्यूटर का उपयोग प्रशासनिक कार्यों में निम्न प्रकार से किया जा सकता है-
- छात्रों के अभिलेखों को रखने के लिए।
- वित्तीय व्यवस्था करने के लिए।
- छात्रों के बिलों के भुगतान के लिए।
- छात्रों के प्राप्तांकों को भेजने के लिए तथा अंक तालिका बनाने के लिए।
- छात्रों की उपस्थिति तथा शिक्षकों के अवकाश से सम्बन्धित आलेखों की फाइलों को कम्प्यूटर में सुरक्षित रखने के लिए।
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शिक्षण परिस्थितियों में (Computer in Teaching Situation)-
शिक्षण परिस्थितियों में कम्प्यूटर का उपयोग निम्न प्रकार से किया जाता है-
- छात्र के पंजीकरण के लिए पूर्व परीक्षण की व्यवस्था करना।
- वैयक्तिक कार्यक्रमों का नियोजन एवं मुद्रण करना।
- छात्रों के विकास के लिए निर्देशन करना।
- प्राप्तांकों एवं परीक्षणों को प्रयोग में लाना।
- नये पाठ्यक्रम के विकास के लिए।
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अनुसंधान कार्यों में (Computer in Research)-
शिक्षा के शोध कार्यों में प्रदत्तों के विश्लेषण में सभी अनुसंधानकर्ता कम्प्यूटर का प्रयोग करने लगे हैं। इसके द्वारा विशाल प्रदत्तों का विश्लेषण कुछ घण्टों में हो जाता है। कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम शुद्ध होते हैं।
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दूरस्थ शिक्षा में (Computer in Distance Education)-
दूरस्थ शिक्षा में कम्प्यूटर का प्रयोग दो प्रकार से कर सकते हैं—स्थानीय प्रयोग एवं प्रसारण का प्रयोग। स्थानीय प्रयोग या अरेखीय कम्प्यूटर एक स्वतन्त्र प्रारूप के रूप में अपने शिक्षार्थी का अपने ढंग से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। रेखीय कम्प्यूटर प्रणाली में एक कम्प्यूटर को दूसरे कम्प्यूटर से तथा दूसरे को तीसरे से सम्बन्धित किया जाता है। इसके बाद इन युक्तियों के मध्य क्रियाओं का संचालन किया जाता है। कम्प्यूटर के आन्तरिक सम्बन्ध से एक मिश्रित अधिगम कार्यक्रम तैयार किया जाता है तथा उसका सम्बन्ध केन्द्रीय संस्था एवं शिक्षक से रखा जाता है।
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शैक्षिक परियोजना बनाने में (Computer in Educational Planning)–
शिक्षा की परियोजना बनाने में भी कम्प्यूटर पर्याप्त सहायता करते हैं। शिक्षा का कलैण्डर बनाना, समय-सारिणी बनाना, विभिन्न क्रियाकलापों की योजना बनाना, मानव शक्ति का नियोजन करना, कब कौन-सा कार्य किस प्रकार करना है इत्यादि बातों का ज्ञान प्राप्त करने में कम्प्यूटर हमारी सहायता करता है।
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