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इंटरनेट

इंटरनेट (Internet)

इंटरनेट का अर्थ

(Meaning of Internet)

इंटरनेट एक अत्यधिक बलशाली एवं गतिशील संचार माध्यम है। इंटरनेट के जन्मदाता लियोनार्ड क्लोनरॉक एवं डॉ विन्टिन जी. सर्फ है। भारत में इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त, 1965 को हुई।

वर्तमान समय में दुनिया में इण्टरनेट का बोलबोला है। हर महीने सकड़ा नई डॉट कॉम कम्पनियाँ खुल रही हैं। ई-कॉमर्स ने बाजार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। मोबाइल कॉमर्स अब सपना न होकर वर्तमान का साधारण सच है। इण्टरनेट टी. वी. बाजार में आ चुका है।

इण्टरनेट पर सूचनाएँ डालने के लिए जिस सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है उसे ब्राउजर कहा जाता है।

इण्टरनेट सारे ग्लोब को कवर करता है, जिसमें कई बड़े नेटवर्क्स और LANS (लोकल एरिया नेटवर्क्स) जैसे छोटे नेटवर्क्स की भी होते हैं।

इण्टरनेट द्वारा ग्राफिक्स साउण्ड सॉफ्टवेयर, टेक्सट व लोगों तक एक्सेस प्रदान करता है अनेक सर्विसेस व टूल्स के द्वारा कम्युनिकेशन व डाटा एक्सचेंज के लिए इसका प्रयोग आवश्यक माना गया है।

हम इण्टरनेट से जुड़ने के लिए दो रास्तों में किसी भी एक का प्रयोग कर सकते हैं। इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर को कम्प्यूटर में डायल करके या इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ सीधे कनेक्शन के द्वारा। इनमें फर्क गति व लागत का है। ज्यादातर हमें टेलीफोन लाइन व मॉडम की मदद से अपने से कनेक्ट होते हैं। इस प्रकार के कनेक्शन को डायलअप कनेक्शन कहा जाता है।

इंटरनेट की परिभाषा 

(Definition)

कुछ विद्वानों ने इण्टरनेट की निम्न परिभाषाएँ दी हैं-

मालब्रेथ के अनुसार, “इण्टरनेट सार्वभौमिक एड्रेसिंग प्रणाली के साथ एक ऐसा नेटवर्कों का नेटवर्क है जो कि वास्तविक समय में कम्प्यूटर से कम्प्यूटर, क्षेत्रीय इण्डिपेन्डेन्ट संचार एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान करता है।’

सत्यनारायण पट्टनायक तथा श्रवणान (1988) के अनुसार, “इण्टरनेट अत्याधुनिक संचार नेटवर्क है जो सूचना और संचार क्षेत्र की सर्वाधिक महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है, यह एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसमें करोड़ों कम्प्यूटर एक नेटवर्क से जुड़े हैं। यह डिजिटल स्रोत और रिसीवर को जोड़ने की प्रक्रिया है।”

इंटरनेट की आवश्यकता

(Need of Internet)

वर्तमान समय संचार तकनीकी का युग है। आज प्रत्येक व्यक्ति हर क्षेत्र को समस्याओं के निवारण के लिए इण्टरनेट सुविधा का प्रयोग कर रहा है; जैसे- शिक्षा के क्षेत्र में, व्यावसायिक जगत में, गृह-परिवेश के क्षेत्र में, संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सूचना सम्प्राप्ति के क्षेत्र में।

(1) शिक्षा के क्षेत्र में इण्टरनेट की आवश्यकता- वर्तमान समय में शिक्षा का स्तर इतना उच्च हो गया है कि छात्रों तथा शिक्षकों को इसमें आने वाली नित्य नयी जानकारी से अवगत होने के लिए इण्टरनेट सेवा का उपयोग करना पड़ता है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक की पाठ्य सामग्री को राज्य सरकारों ने इतना आधुनिक बना दिया है कि हर छात्र को समन्वय स्थापित करने के लिए इण्टरनेट से जानकारी लेनी पड़ती है। नये अंग्रेजी प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों को Project (प्रोजेक्ट) कार्य में ऐसे विषय बिन्दु दिए जाते हैं जिन्हें तैयार करने के लिए उन्हें इण्टरनेट से जानकारी व चलचित्र या पाठ्य-सामग्री प्राप्त करनी होती है। वहीं दूसरी ओर उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में ऐसे बिन्दुओं का समावेश कर दिया गया है जिन्हें पढ़ाने के लिए स्वयं शिक्षकों को भी इण्टरनेट सुविधा की सहायता लेनी पड़ती है।

ई-मेल सुविधा के माध्यम से छात्र-छात्र, छात्र-अध्यापक एवं छात्र-विशेष के बीच की दूरियाँ समाप्त हो जाती हैं। इण्टरनेट सभी को अधिगम का समान अवसर प्रदान करता है। इण्टरनेट समय की सीमाओं को समाप्त कर देता है। इण्टरनेट का प्रयोग एक प्रेरणादायक का भी कार्य करता है क्योंकि इससे अनेक तरीकों; यथा-ग्राफिक्स, टेक्स्ट, ध्वनि एवं वीडियो आदि के माध्यम से जानकारी मिलती है। प्रत्येक बार इण्टरनेट पर नई-नई जानकारी मिलती हैं क्योंकि इसमें अपडेट करने की सुविधा है। यह शिक्षा में मूल्य प्रभावी तकनीकी है।

(2) व्यावसायिक जगत में इण्टरनेट की आवश्यकता– व्यावसायिक जगत की कार्यकारिणी आज बहुत ही आधुनिक हो गयी है। प्रत्येक कार्य कम्प्यूटर के माध्यम से ही किया जाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक व्यवसायी को प्रत्येक दिन नयी-नयी औद्योगिक जानकारियों, आँकड़ों, रिपोर्टों या नियमावलियों की प्राप्ति के लिए इण्टरनेट का प्रयोग करना पड़ता है। व्यावसायिक जगत में सर्वाधिक समस्या बड़े पैमाने पर मुद्रा के आदान-प्रदान की है जिसे बैंकिंग के माध्यम से इण्टरनेट सेवा ने आसान व सुलभ बना दिया है। आज प्रायः देखने में आता है कि बड़े व्यवसायियों द्वारा अपने खातों का संचालन इण्टरनेट सेवा द्वारा अपने ही मोबाइल फोन द्वारा कर लिया जाता है। वर्तमान समय में इण्टरनेट सेवा का प्रयोग व्यवसाय के रूप में किया जा रहा है जिसका प्रमुख उदाहरण साइबर कैफे हैं।

(3) गृह परिवेश के क्षेत्र में इण्टरनेट की आवश्यकता- इण्टरनेट का प्रयोग इतना व्यापक हो गया है कि गृह परिवेश का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। आज प्रत्येक घर में इण्टरनेट की सेवा का उपयोग किया जा रहा है।

गृहणियाँ गृह-सज्जा से लेकर, घर की प्रत्येक आवश्यकता के सामान की ऑनलाइन शापिंग का उपयोग कर रही हैं यहाँ तक की नये-नये भोजन बनाने के प्रकारों की विधि आदि तक की जानकारी उन्हें उपलब्धि हेतु इण्टरनेट के माध्यम इण्टरनेट द्वारा प्राप्त हो जाती है।

(4) संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में- यह तो सर्वविदित है कि इण्टरनेट संचार प्रौद्योगिका मुख्य साधन है। संचार प्रक्रिया को प्रभावी व उपयोगी बनाने में इण्टरनेट का बहुत बड़ा हाथ है। संचार के कई ऐसे एल्पीकेशन्स (Applications) उपलब्ध जिनके माध्यम से संचार प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूर्ण किया जाता है। जैसे-लिखित संचार हेतु–फैस बुक, ट्विटर, चलचित्रों के आदान-प्रदान हेतु- ई-मेल, व्हाट्सएप्प, आदि।

(5) सूचना सम्प्राप्ति के क्षेत्र में- सूचना सम्प्राप्ति के क्षेत्र में इण्टरनेट का सर्वाधिक उपयोग किया जा रहा है है। आज प्रत्येक कार्यक्षेत्र से सम्बन्धित सूचनाओं की प्राप्ति के लिए इण्टरनेट का उपयोग किया जा रहा है। सूचनाओं से सम्बन्धित क्षेत्र यथा समाचार सेवा, शिक्षा सम्बन्धी सूचना, औद्योगिक सूचनाएँ, मौसम सम्बन्धी सूचनाएँ, भौगोलिक सूचनाएँ, स्वास्थ्य सम्बन्धी सूचनाएँ समसामयिक सूचनाएँ आदि।

शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में इंटरनेट की भूमिका

(Role of Internet in Teaching Learning Process)

शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में इण्टरनेट के माध्यम से अधिगम प्रक्रिया को बहुआयामी बनाया जा रहा है। इण्टरनेट के प्रयोग को शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में अग्रलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

  1. नवीन शैक्षिक तकनीकी अधिगम में सहायक

    इण्टरनेट के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में तरह-तरह के विषयों पर विद्वानों द्वारा तैयार किया गया शैक्षिक साहित्य, जो शिक्षा के सभी स्तरों; यथा—प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा सम्बन्धी, जिसे बेवसाइड में तैयार किया जाता है। ऐसी बेवसाइटें पाठ्यक्रम पर आधारित होती हैं जिन्हें समय रहते किसी स्थान विशेष पर इण्टरनेट के माध्यम से देखा या पढ़ा जा सकता है व आवश्यकतानुरूप जानकारी को सुरक्षित किया जा सकता है तथा इसका लाभ शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में प्राप्त किया जा सकता है। आज के वैज्ञानिक युग में कम्प्यूटर के माध्यम से इण्टरनेट का प्रयोग सभी शैक्षिक संस्थाओं आदि में किया जा रहा है। भारत का सबसे बड़ा दूरस्थ शिक्षा संस्थान इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इण्टरनेट सेवा के उपयोग द्वारा अपनी शिक्षा सम्बन्धी प्रणाली को दूर-दराज के लोगों तक पहुँचा रहा है। जिसके सभी तरह के पाठ्यक्रम आज पूरे देश में शिक्षण अधिगम को बढ़ावा दे रहे हैं।

  2. शोध कार्यों से सम्बन्धित अधिगम में सहायक

    इण्टरनेट के माध्यम से नये नये प्रयोगों तथा शोध कार्यों के परिणामों का ज्ञान शिक्षण अधिगम सामग्री द्वारा प्राप्त किया जा रहा है जो कि एक क्रान्तिकारी आयाम सिद्ध हो रहा है।

  3. शिक्षण अधिगम के समस्या एवं समाधान के क्षेत्र में प्रयोग

    आज विश्व के समस्त देशों से सम्बन्धी शिक्षण अधिगम की समस्या समाधान हेतु इण्टरनेट का प्रयोग किया जा रहा है। शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में किसी विषय विशेष से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान आज विश्व के किसी विशेष विद्वान से सम्पर्क करके, इण्टरनेट के माध्यम से समाधान प्राप्त किया जा सकता है।

  4. शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सार्थक एवं प्रभावी रूप प्रदान करना भी इण्टरनेट का मुख्य कार्य बनता जा रहा है। प्रत्यक्ष रूप से कहीं भी इण्टरनेट के माध्यम से सम्बन्धित प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त तथा प्रदान की जा सकती है।
  5. आज इण्टरनेट के माध्यम से किसी भी शिक्षण विधि का या शिक्षण साहित्य की शिक्षण सामग्री का उपभोग किया जा सकता है इसके लिए सम्बन्धित वेबसाइट को खोलकर तथा तैयार विवरण या प्रोग्राम का सीधा उपयोग अधिगम के क्षेत्र में किया जा रहा है अर्थात् वर्तमान समय में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदत्त इण्टरनेट सेवा के विकास ने शिक्षा-शिक्षण व्यवस्था में क्रान्तिकारी परिवर्तन ला दिया है।

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