NCERT & SCERT

कार्यों की व्याख्या करने में प्रस्तावना (Introduction)
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) एक स्वायत्त संस्था है जिसका गठन 1961 में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता तथा सुधार से संबंधित विषयों पर केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा नीतियाँ बनाने में सहयोग तथा परामर्श देने के लिए किया गया। राज्य शैक्षिक तथा अनुसंधान परिषद् का गठन 15 जनवरी 1990 में राज्यों में विद्यालयी शिक्षा से संबंधित सुधार तथा नीति निर्माण में मदद के लिए किया गया। इस इकाई में हम इन दोनों परिषदों तथा उसके कार्यो के विषय में अध्ययन करेंगे।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् (NCERT)
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद भारत सरकार द्वारा 1961 में गठित की गई एक स्वायत्त संस्था है। यह भारत में विद्यालयी शिक्षा के संबंध में बनाई गई नीतियों के निर्माण में केन्द्र तथा राज्य सरकारों को परामर्श देती है तथा शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करती है।
एन.सी.ई.आर.टी. : कार्यकारी इकाइयाँ (NCERT : Constituent Units)
एन.सी.ई.आर.टी. की कार्यकारी इकाइयाँ निम्नलिखित हैं-
- नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (NIE), नई दिल्ली
- सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलोजी (CIET), नई दिल्ली
- पंडित सुंदरलाल शर्मा इन्स्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन (PSSCIVE), भोपाल
- रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE), अजमेर
- रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE), भोपाल
- रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE), भुवनेश्वर
- रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE), मैसूर
- नॉर्थ ईस्ट रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (NE-RIE), शिलाँग
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नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (NIE)
नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम तथा उससे संबंधित अन्य अध्ययन सामग्री पर अनुसंधान तथा विकास करता है। यह प्रारंभिक, माध्यमिक तथा उच्चतर शिक्षा से संबंधित आँकड़े उपलब्ध कराता है, जिससे छात्रों को बेहतर ढंग से शिक्षा लेने तथा उसका उपयोग करने का पूर्ण अवसर प्राप्त हो।
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सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन टेक्नोलॉजी (CIET)
शैक्षिक तकनीकों (विशेषकर जनसंचार माध्यम) का विकास करता है, जिससे शिक्षा प्रणाली तथा इसकी गुणवत्ता की सुधार करने में तकनीकी सहयोग प्राप्त हो सके। सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन टेक्नोलॉजी मीडिया सॉफ्टवेयर तैयार करता है, तथा रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम भी बनाता है जिससे शिक्षकों द्वारा दी जा रही शिक्षा को बेहतर तथा मनोरंजक ढंग से समझा जा सके।
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पंडित सुंदरलाल शर्मा सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन (PSSCIVE)
PSSCIVE कार्यशिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा संबंधी अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण तथा विस्तार गतिविधियों का संचालन करता है। इसके अतिरिक्त यह व्यावसायिक पाठ्यक्रम, अध्ययन सामग्री से संबंधित गाइडलाईन, डाटाबेस का निर्माण, तथा व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रमों का विकास भी करता है। यह UNESCO के फोरम का सदस्य है तथा UNESCO के तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा के प्रोजेक्ट में भी सम्मिलित है।
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रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE)
रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर तथा मैसूर में स्थित है जो कि राज्य तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में प्रीसर्विस तथा इनसर्विस अध्यापक शिक्षा को प्रोन्नत करता है। अध्यापकों को प्रीसर्विस प्रशिक्षण विज्ञान, गणित तथा अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए दिया जाता है। रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन अजमेर, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल तथा केन्द्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में अध्यापक शिक्षा की देख-रेख का कार्य करता है। रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE) भोपाल, छत्तीसगढ़, गोआ, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा दादरा और नगर हवेली तथा दमन दीव क्षेत्रों में अध्यापक शिक्षा का संचालन करता है। रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE) मैसूर, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरला और तमिलनाडु, पाँडिचेरी तथा लक्षद्वीप में अध्यापक शिक्षा का संचालन करता है। (नार्थ ईस्ट-RIE) शिलाँग में स्थापित किया गया है।
एन.सी.ई.आर.टी. के कार्य (Functions of NCERT)
एन.सी.ई.आर.टी. के निम्नलिखित कार्य हैं-
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अनुसंधानः
नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन के विभिन्न विभाग एन.सी.ई.आर.टी., रीजनल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIES), सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल टेक्नोलॉजी एन.सी.ई.आर.टी., तथा पंडित सुदरलाल शर्मा सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन विद्यालय शिक्षा तथा अध्यापक शिक्षा के विभिन्न सोपान पर अनुसंधान कार्यक्रम संचालित करते है। एन.सी.ई.आर.टी. स्कॉलरों को अपने शोधन कार्यों के लिए वित्तीय सहायता भी देता है।
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विकासः
विद्यालय शिक्षा में विकासीय क्रियाकलापों का संचालन NCERT का एक अन्य प्रमुख कार्य है। यह पाठ्यक्रम में नवीनीकरण, अध्ययन सामग्री का विकास भी करता है जिससे छात्रों को समय-समय पर शिक्षा में होने वाले परिवर्तनों की जानकारी हो सके तथा वह शिक्षा को बेहतर समझ सकें।
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प्रशिक्षणः
एन.सी.ई.आर.टी., प्री प्राईमरी, एलिमेंटरी, सेकेण्डरी तथा हायर सेकेण्ड्री शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, शिक्षण तकनीकें, निर्देशन तथा परामर्श तथा विशिष्ट शिक्षा आदि क्षेत्रों में अध्यापकों को प्रशिक्षण देता है।
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प्रकाशनः
एन.सी.ई.आर.टी. कक्षा I से XII तक की विद्यालयी शिक्षा की पात्यपुस्तकों का निर्माण करता है। इसके अतिरिक्त यह वर्कबुक, अध्यापक निर्देशक पुस्तिका, पूरक पाठ्यपुस्तकें, अनुसंधान रिपोर्ट तथा अध्यापक शिक्षकों के लिए निर्देशन सामग्री भी प्रकाशित करता है। यह पाठ्यपुस्तक हिन्दी, अंग्रेजी तथा उर्दू में प्रकाशित करता है। एक्सचेंज कार्यक्रम- एन.सी.ई.आर.टी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन जैसे UNICEF, UNDP, NFPA तथा विश्व बैंक आदि के साथ विशेष शैक्षिक समस्याओं, उनके निदान से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आपसी आचार विचार करता है। फैकल्टी के सदस्य अन्य देशों में अन्तर्राष्ट्रीय बैठकों, सेमिनार, वर्कशॉप आदि में नियुक्त किये जाते हैं, तथा अन्य देशों के शैक्षिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी देता है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् (SCERT)
एस.सी.ई.आर.टी. तथा अध्यापक शिक्षा निदेशालय 15 जनवरी, 1990 में अस्तित्व में आए। 1961 में यह राज्य शैक्षिक संस्थान के रूप में जाना जाता था।
एस.सी.ई.आर.टी. का प्रारूप (Structure of SCERT)
एस.सी.ई.आर.टी. के प्रमुख विभाग तथा इकाईयाँ हैं।
- पाठ्यक्रम विकास का विभाग
- अध्यापक शिक्षा तथा सेवारत शिक्षा विभाग
- शिक्षा अनुसंधान विभाग
- विज्ञान तथा गणित शिक्षा विभाग
- शिक्षा तकनीकी विभाग
- मूल्यांकन तथा परीक्षा सुधार विभाग
- जनसंख्या शिक्षा विभाग
- प्रारंभिक विद्यालय तथा प्रारंभिक शिक्षा विभाग
- प्रौढ़ शिक्षा तथा कमजोर वर्ग शिक्षा विभाग
- विस्तृत सेवा तथा विद्यालय प्रबंधन विभाग
- प्रकाशन इकाई
- पुस्तकालय इकाई
- प्रशासकीय इकाई
एस.सी.ई.आर.टी. शिक्षा विभाग का शैक्षणिक अंग है, जो विद्यालय शिक्षा तथा अध्यापक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए प्रयासरत रहता है।
एस.सी.ई.आर.टी. के कार्य (Functions of SCERT)
राज्य शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद् NCERT के प्रारूप के अनुसार प्रत्येक राज्य में गठित की गई है। SCERT में कार्यक्रम परामर्श समिति होती है जिसका प्रमुख राज्य शिक्षा मंत्री होता है।
एस.सी.ई.आर.टी. के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
- यह राज्य में अध्यापक प्रशिक्षण महाविद्यालयों, सेकेण्डरी प्रशिक्षण विद्यालय तथा प्रारंभिक प्रशिक्षण विद्यालय की कार्य प्रणाली की देखरेख करता है।
- यह राज्य में सेवापरक अध्यापक शिक्षा का प्रबंध करता है तथा प्री स्कूल, प्रारंभिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए अधिकारी नियुक्त करता है।
- यह अध्यापक प्रशिक्षण केन्द्रों में सेवापरक अध्यापक शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करता है।
- अध्यापकों तथा अध्यापक शिक्षकों के सर्वत्र विकास के लिए दूरस्थ शिक्षा तथा अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- यह प्रीस्कूल, प्रार्राभिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के लिए अध्यापक शिक्षण संस्थानों में पाठ्यपुस्तकों, निर्देशन सामग्री का निर्माण तथा पाठ्यक्रम का निर्माण करता है।
- यह UNICEF, NCERT अन्य एजेन्सियों द्वारा चालित विभिन्न विशिष्ट शैक्षिक प्रोजेक्ट कार्यान्वित करता है जिससे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
महत्वपूर्ण लिंक
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (I.C.T.) का विद्यालय में अनुप्रयोग एवं लाभ
- शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी- क्षेत्र और उपयोगिता (Scope & Use of ICT)
- कम्प्यूटर (Computer)- अर्थ व परिभाषा, कार्य, शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में भूमिका
- सूचना एवं संचार तकनीकी (ICT) का शैक्षिक महत्व तथा इसके द्वारा शिक्षक की ज्ञान वृद्धि
- स्मार्ट कक्षाएँ- महत्व/उपयोगिता | स्लाइड प्रोजेक्टर- विशेषताएँ | ओवरहैड प्रोजेक्टर
- दूरस्थ शिक्षा- कार्य | ऐजूसेट (Edusat)- परिचय,कार्य | ई लर्निंग का महत्व
- टेलीकांफ्रेंसिंग (Teleconferencing)- कक्षाओं में उपयोग, महत्व, शिक्षा में प्रयोग
- इंटरनेट का उपयोग ई-विषयवस्तु के विकास में | ज्ञान वृद्धि कराने में ICT की भूमिका
- क्रियात्मक अनुसन्धान (Action Research)- अर्थ, क्षेत्र (Scope), महत्व, लाभ
- क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान (Steps of Action Research)
- शैक्षिक नवाचार- अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, क्षेत्र, परिवर्तन और नवाचार में सम्बन्ध
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