(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
close button
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

प्रधानमंत्री सचिवालय

प्रधानमंत्री सचिवालय (कार्यालय)

प्रधानमंत्री सचिवालय (कार्यालय)

Prime Minister Secretariat (Office)

भारत में संसदात्मक व्यवस्था के कारण दोहरी कार्यपालिका है-एक राष्ट्रपति और दूसरी मंत्रिमण्डल। राष्ट्रपति केवल नाममात्र की कार्यपालिका है, जबकि मंत्रिमण्डल वास्तविक कार्यपालिका है। प्रधानमंत्री इस वास्तविक कार्यपालिका का अध्यक्ष होता है। वह देश का मुख्य प्रशासक, प्रमुख राजनेता, मुख्य समन्वयकर्ता तथा नीति-निर्माता होता है। प्रधानमंत्री तथा मंत्रिमण्डल को सचिवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिवालय, केन्द्रीय सचिवालय तथा प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) की स्थापना की गई है।

ब्रिटेन में सर्वप्रथम प्रधानमंत्री प्रर्चिल के समय 1939 ई० में प्रधानमत्री कार्यालय की स्थापना की गई थी। इसी तरह भारत में 1939 ई० के बाद 14 अगस्त, 1949 ई० तक प्रधानमंत्री कार्यालय नाम का संगठन कार्यरत था, लेकिन उसका नाम प्रधानमंत्री कार्यालय नहीं था क्योंकि इस प्रधानमंत्री की जगह गवर्नर जनरल का पद कार्यपालिका के प्रधान के रूप में कार्यरत था। इसे सचिवीय सहायता निजी सचिव द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी। स्वतन्त्रता के बाद गवर्नर जनरल का स्थान प्रधानमंत्री ने ले लिया तथा निजी सचिव का स्थान प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) ने ले लिया। अतः 15 अगस्त, 1947 ई० को भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) की स्थापना की गई। इस प्रकार से गवर्नर जनरल के निजी सचिव का स्थान प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) ने ग्रहण कर लिया।

देश में प्रथम प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) में प्रधानमंत्री के प्रथम प्रधान निजी सचिव’ के रूप में एच. वी आर. आयंगर को नियुक्त किया गया। प्रधान निजी सचिव का पद प्रारम्भ में केन्द्रीय सरकार के ‘सयुक्त सचिव’ के समकक्ष रखा गया। लेकिन यह पद अति महत्वपूर्ण होने के कारण लाल बहादुर शास्त्री के प्रधानमंत्री काल में इस पद को क्रमोन्नत कर केन्द्रीय सरकार के ‘सचिव’ के समानान्तर कर दिया गया। आज यह वरीयता क्रम में ‘मन्त्रिमण्डल सचिव’ के समकक्ष माना गया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) का संगठन

(Organisation)

प्रधानमंत्री सचिवालय का संगठन अन्य सचिवालयों (कैबिनेट सचिवालय, केन्द्रीय सचिवालय) की तुलना में काफी छोटा है। इस सचिवालय को शास्त्री जी के प्रधानमंत्री काल से एक नियमित विभाग माना जाता है। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के काल से वर्तमान प्रधानमंत्री के काल तक इस विभाग को प्रधानमंत्री सचिवालय कहा जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के काल में इसका नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री कार्यालय’ कर दिया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय एक ‘सचिव’ के अधीन कार्य करता है। यह सचिव लोक सेवा का भी हो सकता है और नहीं भी। लेकिन इस पद पर अधिकांशतः लोक सेवा के उच्च अधिकारी ही नियुक्त होते आए हैं। सचिवालय में सचिव के कार्यों में सहायता करने के लिए सचिव के अलावा अतिरिक्त सचिव, संयुक्त सचिव, उपसचिव तथा अन्य अधिकारी सोपानक्रम में कार्यरत हैं। जवाहरलाल नेहरु के प्रधानमंत्री काल में इस सचिवालय में लगभग 120 कर्मचारी कार्यरत थे। इसके बाद हर प्रधानमंत्री के काल में इस कार्यालय को प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर कर्मचारियों की संख्या तथा बजट में वृद्धि की गई है। वर्तमान में प्रधानमंत्री सचिवालय में सर्वोच्च प्रशासकीय अधिकारी ‘प्रिंसीपल सचिव’ कहलाता है। इसके कार्यों में सहायता करने के लिए इसमें एक सचिव, एक अतिरिक्त सचिव, एक आफिसर आन स्पेशल ड्यूटी, चार संयुक्त सचिव, चार निदेशकbऔर चार उपसचिव कार्यरत है। इसके अतिरिक्त इस सचिवालय में संभाग अधिकारी, वरिष्ठ लिपिक, कनिष्ठ लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी कार्यरत हैं। आज इस कार्यालय में 250 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं।

देश में 6 दिसम्बर,1992 को अयोध्या के विवादास्पद ढांचे को गिरा देने से देश के सम्मुख एक गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस गम्भीर मसले पर निरन्तर कड़ी नजर रखने और प्रधानमंत्री को इसके सम्बन्ध में उचित परामर्श देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हाराव ने प्रधानमंत्री सचिवालय में पृथक से एक अयोध्या प्रकोष्ठ का गठन किया था।

प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) के संगठनात्मक ढांचे को निम्न चार्ट के द्वारा व्यक्त किया जा सकता है-

प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) का संगठन:

प्रिंसीपल सचिव (1)
सविच (1)
अतिरिक्त सचिव (1)
आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (1)
सयुक्त सचिव (4)
निदेशक (4)
उपसचिव (4)
सम्भाग अधिकारी
वरिष्ठ लिपिक
कनिष्ठ लिपिक
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) के कार्य

(Functions of Prime minister Secretariat)

इस कार्यालय (सचिवालय) का प्रमुख कार्य प्रधानमंत्री को उसके समस्त कार्यों एवं दायित्वों, के निर्वहन में सचिवलीय सहायता प्रदान करना है। देश के सम्मुख सामान्य परिस्थितियां हों अथवा आपातकालीन, प्रधानमंत्री को वास्तविक मुख्य कार्यपालिका के रूप में संघीय सरकार के समस्त प्रशासनिक एवं अन्य दायित्वों को पूर्ण करने में यह कार्यालय कदम-कदम पर सहायता करता है। प्रधानमंत्री कार्यालय प्रधानमंत्री के अतिरिक्त हाथ, आंख और कान का कार्य करता है। यह विभिन्न मामलों से सम्बन्धित सूचना, जानकारियां, आंकड़े सामग्री एकत्रित कर उन पर गम्भीरता से विचार करता हैं और आवश्यकतानुसार निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री को सुझाव देता है। इस प्रकार यह कार्यालय (सचिवालय) प्रधानमत्री के लिए अतिरिक्त मतिष्क का कार्य करता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (सचिवालय) के प्रमुख कार्यों को निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर अधिक स्पष्ट किया जा सकता है-

  1. कार्य व्यापार नियमसम्बन्धी कार्य

    कार्य व्यापार नियमों के तहत प्रधानमंत्री के अधीन केन्द्रीय सरकार के कुछ विभाग और मंत्रालयों का प्रत्यक्ष दायित्व होता है। इन विभागों और मंत्रालयों के कुशल संचालन का दायित्व प्रधानमंत्री के कन्धों पर होता है। इन विभागों में आन्तरिक सहयोग एवं समन्वय बनाए रखने, कुशल और प्रभावी प्रशासनिक संचालन आदि में यह कार्यालय प्रधानमंत्री को सचिवीय सहायता प्रदान करता है।

  2. प्रधानमंत्री को दायित्वों के पूर्ण करने में सहायता देना

    भारत देश में संसदात्मक व्यवस्था के तहत भारत का प्रधानमंत्री वास्तविक राजनैतिक कार्यपालिका (सरकार) का मुखिया होता है। इस रूप में प्रधानमंत्री को केन्द्रीय सरकार के समस्त विभागों और मंत्रालयों के मध्य सहयोग और समन्वय बनाए रखना पड़ता है। यही नहीं, उसे समस्त राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों में भी सम्पर्क बनाए रखना पड़ता है। समस्त प्रशासनिक संस्थाएं प्रधानमंत्री के कुशल प्रशासनिक नेतृत्व की अपेक्षा रखती हैं। केन्द्रीय सरकार की श्रेष्ठ नीतियों के निर्माण और कुशल संचालन के दायित्वों के निर्वाह में यह कार्यालय प्रधानमंत्री कार्यालय को सहायता देता है।

  3. योजना सम्बन्धी कार्यों में सहायता देना

    प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री को योजना सम्बन्धी कार्यों के कुशल निर्वाह के लिए भी सचिवीय सहायता उपलब्ध कराता है। प्रधानमंत्री देश के ‘योजना आयोग’ तथा ‘राष्ट्रीय विकास परिषद्’ का भी अध्यक्ष होता है। यह संस्थान देश के चहुंमुखी विकास के लिए योजनाओं का निर्माण और मूल्यांकन करती है। ऐसी स्थिति में योजनाओं के निर्माण और मूल्यांकन में भी प्रधानमंत्री कार्यालय, प्रधानमंत्री को सचिवीय सहायता उपलब्ध कराता है।

  4. प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता देना

    भारत भौगोलिक दृष्टि से विविधता वाला देश है, जिसमें आए दिन देश के किसी न किसी क्षेत्र में बाढ़, अकाल, सूखा, भूकम्प, महामारी आदि अनेक प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं। इन आपदाओं से निपटने तथा जनता को तुरन्त राहत प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष’ का निर्माण किया गया है, जिसका संचालन प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ही किया जाता है। इस कोष से समस्त राज्यों या नागरिकों को दी गई सहायता का पूरा लेखा-जोखा रखने का दायित्व इसी कार्यालय का होता है।

  5. जनसम्पर्क सम्बन्धी कार्य

    आज का युग जनसम्पर्क का युग है। सरकार के प्रमुख होने की हैसियत से प्रधानमंत्री को जनसम्पर्क बनाए रखना अति आवश्यक है। प्रधानमंत्री अपने कार्यालय के माध्यम से से निरन्तर प्रेस, रेडियो, दूरदर्शन आदि संचार माध्यमों से जनसम्पर्क बनाए रखता है। यह जनसम्पर्क बनाए रखने का कार्य प्रधानमंत्री कार्यालय करता है। इसके अतिरिक्त जनता द्वारा प्रधानमंत्री को व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त अनेक आवेदनों, शिकायतों, अनुरोधों का भी संतोषप्रद उत्तर देना प्रधानमंत्री कार्यालय का अनिवार्य कार्य है। इस प्रकार प्रधानमंत्री के जनसम्पर्क सम्बन्धी कार्यों को भी प्रधानमंत्री कार्यालय पूर्ण करता है।

महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: wandofknowledge.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। किसी भी प्रश्न के लिए, अस्वीकरण से अनुरोध है कि कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें wandofknowledge539@gmail.com पर मेल करें।

About the author

Wand of Knowledge Team

Leave a Comment

error: Content is protected !!