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एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Endoplasmic reticulum)

एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना व कार्य

एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Endoplasmic Reticulum)

इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप द्वारा देखने पर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम आधार द्रव्य या मैट्रिक्स में फैली हुई नलिकाओं या सारणियों की एक प्रणाली प्रतीत होती हैं। ये सारणियाँ केन्द्रकावरण या प्लाज्मा मेम्ब्रेन के समान मौलिक रचना वाली मेम्ब्रेनों द्वारा परिबन्धित रहती हैं। कभी-कभी ये मेम्ब्रेन तक विस्तृत प्रणाली बनाती हैं। कोशिकाओं में इस अंगक की उपस्थिति का पता सर्वप्रथम गारनियर (Garnier) ने सन् 1897 में एक साधारण माइक्रोस्कोप के द्वारा लगाया किन्तु इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की सहायता से इसकी रचना एवं कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी पोर्टर, क्लाडे तथा फुलम (Porter, Claude and Fullum) ने 1945 में दी। इनके अनुसार एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम आपस में जुड़ी हुई एवं शाखि अत्यन्त महीन ट्ब्यूल्स तथा वैसिकिल्स का एक अत्यधिक जटिल जाल या सिस्टम है जो कोशिका के कोशाद्रव्य में प्लाज्मा मेम्ब्रेन तथा न्यूक्लियर मेम्ब्रेन के मध्य फैला रहता है। इसे साइटोप्लाज्मिक वैक्युओलर सिस्टम (cytoplasmic vacuolar system) भी कहते हैं। एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम एक सिरे पर प्लाज्मा मेम्ब्रेन तथा दूसरे सिरे पर न्यूक्लियर मेम्ब्रेन से सम्बन्धित रहती है। अतः यह माना जाता है कि प्लाज्या गेग्ब्रेन, न्यूक्लियर मेम्ब्रेन तथा एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम तीनों एक ही रचनाएँ हैं तथा तीनों का उद्भव एक ही है। बैक्टीरिया एवं वाइरस आदि प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं तथा स्तनियों की परिपक्व लाल रुधिर कोशिकाओं को छोड़कर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम सभी प्राणी कोशिकाओं में पाया जाता है। जिन कोशिकाओं में प्रोटीन संश्लेषण अधिक सक्रिय रूप में पाया जाता है जैसे- पैन्क्रियास और अन्तःस्रावी ग्रन्थि (pancreas and endocrine gland) की कोशिकाएँ, उनमें यह अंगक अधिक स्पष्ट एवं विकसित रूप में पाया जाता है।

एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलम के आकार, आकृति, गुणों एवं कोशिका की अन्य रचनाओं से साहचर्य के आधार पर इसको निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है.

  1. वेसिकिल्स (Vesicles)-

    यह 25-500 की लगभग वृत्ताकार या अण्डाकार रचनाएँ हैं। यह प्रोटीन संश्लेषण करने वाली कोशिकाओं जैसे पैन्क्रिएटिक तथा यकृत कोशिकाओं में पर्याप्त रूप से विकसित होता है।

  2. सिस्टर्नी (Cisternae)-

    ये लम्बे, पतले तथा चपटे लैमिलर वेसिकल्स हैं जो 40- 50 μ मोटे तथा केन्द्रक के चारों ओर क्रमिक स्तरों के रूप में समान्तर कतारों में विन्यसित होते हैं। इस प्रकार का एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम भी उन सभी कोशिकाओं में सुविकसित पाया जाता है जिनमें प्रोटीन संश्लेषण की क्रिया अधिक सक्रिय होती है, जैसे- यकृत, पैन्क्रियास तथा मस्तिष्क की कोशिकाएँ।

  3. नलिकाएँ (Tubules) –

    ये 50-100mm मोटी अनियमित रूप से शाखित नलिकायें हैं जो मुख्य रूप से रेटिना की रंजक एपिथीलियम कोशिकाओं तथा स्टेरॉयड्स के संश्लेषण में सक्रिय कोशिकाओं में पायी जाती है। यह गिनीपिग की स्पर्मेटिड्स तथा पेशी कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म में अनियमित रूप से विन्यसित रहती है। पेशी कोशिकाओं में इसे साप्लाज्मिक रेटीकुलम कहते हैं।

उपर्युक्त तीनों प्रकार के एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम एक ही कोशिका में उसकी विभिन्न कोशिकीय विभाजन की अवस्थाओं में देखे जा सकते हैं किन्तु इसका विन्यास भिन्न-भिन्न प्राणियों की भिन्न-भिन्न ऊतक की कोशिकों में भिन्न-भिन्न होता है जैसे- स्तनियों की यकृत कोशिकाओं में यह समान्तर, रेखित पेशियों की कोशिकाओं में जाल के रूप में तथा पैन्क्रिएटिक कोशिकाओं में अनियमित रूप से विन्यसित होता है।

एक पूर्णतया विभेदीकृत कोशिका में एण्डोप्लाज्मिक प्रणाली अनेक उप-प्रणाली में विभाजित होती है –

  1. केन्द्रक आवरण (Nuclear Envelope) –

    यह केन्द्रक के चारों ओर सिस्टर्नी या लैमिली के रूप में पाया जाता है जिसमें अनेक छिद्र होते हैं।

  2. कोशिकाद्रव्यात्मक एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Cytoplasmic Endoplasmic Reticulum) –

    यह जालक, कणात्मक या रूक्ष रूप में (राइबोसोम कणिकाओं के साथ) तथा गाल्जी कॉम्पलैक्स से सम्बद्ध समतल या कणरहित रूप में पाया जाता है।

एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलम की परासंरचना (Ultrastructure of Endoplasmic Reticulum)

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा अध्ययन करने पर एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की सिस्टर्नी, वेसिकिल्स तथा नलिकाओं की गुहाएँ चारों ओर से पतली मेम्ब्रेन से घिरी होती हैं जो मोटाई में 50 से 60Å तक होती हैं। प्लाज्मा मेम्ब्रेन तथा न्यूक्लियर मेम्ब्रेन की तरह एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की मेम्ब्रेन भी संरचना में ट्राइलैमिनर होती है।

एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम के प्रकार (Types of Endoplasmic Reticulum)

क्रियाशीलता एवं राइबोसोम्स की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति के आधार पर एक ही कोशिका में या विभिन्न कोशिकाओं में एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलम निम्नलिखित दो रूपों में पाया जाता है :

  1. अकणिकीय या स्मूथ एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Agranular or Smooth Endoplasmic Reticulum) –

    इस प्रकार का एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम उन कोशिकाओं में पाया जाता है, जो प्रोट्रीन संश्लेषण में भाग नहीं लेती हैं, जैसे- वसा कोशिकाएँ, इण्टरस्टीसियल कोशिकाएँ, यकृत की ग्लाइकोजन संचय करने वाली कोशिकाएँ, स्पर्मेटोसाइट, श्वेत रुधिर कोशिकाएँ तथा पेशी कोशिकाएँ। इस प्रकार के एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की सतह पर राइबोसोम्स अनुपस्थित होते हैं।

  2. कणिकीय यां रफ एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Granular or Rough Endoplasmic Reticulum) –

    इस प्रकार के एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की सतह रफ या खुरदरी होती है क्योंकि इनकी सतह पर राइबोसोम्स पाये जाते हैं। उन सभी कोशिकाओं में जिनमें प्रोटीन-संश्लेषण का कार्य सक्रिय रूप से पाया जाता है, इस प्रकार का एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम उपस्थित होता है, जैसे-प्लाज्मा कोशिकाएँ, गोबलैट कोशिकाएँ, पैन्क्रिएटिक कोशिकाएँ तथा यकृत कोशिकाएँ।

एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम के कार्य (Functions of Endoplasmic Reticulum)

  1. प्रोटीन संश्लेषण (Protein Synthesis) –

    कणिकीय एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम मेम्ब्रेन की ऊपरी सतह पर राइबोसोम जुड़े हुए पाये जाते हैं। राइबोसोम न्यूक्लियर m-RNA के विशा निर्देशन में नवीन प्रोटीन का संश्लेषण करते हैं।

  2. लिपिड्स का संश्लेषण (Synthesis of lipids)-

    जिन कोशिकाओं में लिपिड्स मेटाबॉलिज्म सक्रिय रूप से पाया जाता है, उनमें एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलम अकणिकीय एण्डोप्लामिक रेटीकुलम के रूप में अधिक विकसित पाया जाता है। क्राइस्टनमैन (Christenmen, 1961) तथा क्लाउडे (Claude, 1968) के अनुसार लिपिड्स का संश्लेषण कोशिकाओं में अकणिकीय एण्डोप्लाजिमक रेटीकुलम की सतहों पर होता है।

  3. ग्लाइकोजन का संश्लेषण (Synthesis of Glycogen)-

    यकृत में ग्लाइकोजन के कण उन यकृत कोशिकाओं में अत्यधिक मात्रा में संग्रहित पाये जाते हैं जिनमें अकणिकीय एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम अधिक विकसित पाया जाता है। इससे स्पष्ट होता है कि अकणिकीय एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम का ग्लाइकोजन संश्लेषण से घनिष्ट सम्बन्ध होता है।

  4. पदार्थों का आदान-प्रदान (Exchange of Materials) –

    यह कोशिका में ऑस्मोटिक दबाव का तथा कोशिका में साइटोप्लाज्मिक मैट्रिक्स और एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की गुहाओं के मध्य पदार्थों के विनिमय का नियमन करती है।

  5. ATP संश्लेषण (Synthesis of ATP) –

    एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलम की झिल्लियाँ कोशिका में ATP के संश्लेषण स्थान है। कोशिका की समस्त उपापचयी क्रियाओं तथा पदार्थों के परिवहन के लिये आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है।

  6. आन्तरकोशिका परिवहन तन्त्र (Intercellular Transport) –

    एन्डोप्लास्मिक रेटीकुलमं प्रत्येक कोशिका के अन्दर एक परिवहन तन्त्र की तरह कार्य करता है। बेन्नेट (Bennett, 1966) के अनुसार, मेम्ब्रेन फ्लो प्रत्येक कोशिका के अन्दर आने तथा उसके बाहर जाने वाले अणुओं तथा आयनों के लिये एक महत्वपूर्ण ट्रान्सपोर्ट मेकेनिज्जा की तरह कार्य करता है।

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