भारत में प्रमुख सड़क मार्ग
भारत में प्रमुख सड़क मार्ग
परिवहन
किसी भी देश के लिए परिवहन और संचार के साधन शरीर की रक्तवाहिनी नलिकाओं की भाँति होते हैं। वर्तमान औद्योगिक विकास का मुख्य आधार परिवहन के साधन भी होते हैं। किसी देश के आर्थिक विकास के स्तर का अनुमान भी वहाँ पर उपलब्ध परिवहन के साधनों के स्तर के आधार पर लगाया जा सकता है।
देश में परिवहन के साधनों में सड़कें, रेल, आंतरिक जल एवं वायु मार्गों का समुचित विकास पाया जाता है।
सड़कें
भारत में सड़कों द्वारा आवागमन और परिवहन का इतिहास बहुत प्राचीन है किंतु आधुनिक रूप में इसका इतिहास मुगल शासन के काल से प्रारंभ होता है जबकि प्रमुख सड़क मार्ग ‘ग्रैण्ड ट्रंक रोड’ का निर्माण शेरशाह सूरी द्वारा कराया गया था जो कि कोलकाता से पेशावर को जोड़ती रही है। यद्यपि स्थानीय स्तर पर सड़कों का निर्माण और भी पहले से होता रहा है। प्रागैतिहासिक काल में ईसा से 3000 वर्ष पूर्व द्रविड़ नगरों मोहनजोदड़ों एवं हड़प्पा में भी पंक्की सड़कें थीं।
वर्तमान समय में भी सड़कों का महत्त्व कम होने के स्थान पर बढ़ गया है। यद्यपि रेलों का अत्यधिक विकास हो गया है फिर भी सड़कों द्वारा किया जाने वाला समस्त कार्य रेलों द्वारा संभव नहीं है।
एक अनुमान के अनुसान सन् 1947 में भारत में सड़कों की कुल लंबाई 2,73,000 किमी थी जबकि अप्रैल 1994 में यह लंबाई 19,98,304 किमी हो गयी थी जिसमें से 9,64,100 किमी पक्की सड़कें और 10,34,300 किमी कच्ची सड़कें थीं।
प्रशासनिक एवं रख-रखाव की दृष्टि से सड़कों को दो भागों में रखा जाता है- (क) सार्वजनिक निर्माण विभाग की सड़कें जिन्हें राजकीय सड़क कहा जाता है एवं (ख) स्थानीय संस्थाओं की सड़कें। परंतु देश में सड़कों के विस्तार एवं विकास के लिए स्वतंत्रता के बाद प्रथम सड़क कांग्रेस सन् 1950 में नागपुर हुई जिसमें योजनाबद्ध विकास के लिए देश की समस्त सड़कों को निम्न चार वर्गों में रखा गया-
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राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)-
ऐसी सड़कें राज्यों की राजधानियों एवं बड़े नगरों को जोड़ती हैं। वर्तमान समय में इनकी कुल लंबाई 33,612 किमी है। देश में इस समय 57 राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) हैं। देश के प्रमुख राष्ट्रकीय राजमार्ग निम्न हैं –
- कोलकाता–अमृतसर मार्ग– इसे जी0टी0 रोड़ या ग्रैंड ट्रंक रोड भी कहा जाता है। यह मार्ग शेरशाह सूरी ने बनवाया था और यह कोलकाता से आसनसोल, वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, फर्रूखाबाद, अलीगढ़, दिल्ली, करनाल, अंबाला और लुधियाना होते हुए अमृतसर तक जाता है।
- आगरा–मुंबई मार्ग– यह राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा से ग्वालियर, इंदौर और नासिक होते हुए मुंबई को जोड़ता है।
- मुंबई–चेन्नई मार्ग– यह मार्ग पुणे, बेलगाँव, और बंगलुरु होते हुए मुंबई से चेन्नई को जोड़ता है।
- चेन्नई–कोलकाता– यह राष्ट्रकीय मार्ग चेन्नई से गुण्टूर, विजयवाड़ा, रायपुर और संबलपुर होते हुए कोलकाता तक जाता है।
- कोलकाता–मुंबई मार्ग– संबलपुर, रायपुर, नागपुर होते हुए कोलकाता से मुंबई को जोड़ता है।
- वाराणसी–कन्याकुमारी मार्ग– यह राष्ट्रकीय मार्ग वाराणसी, मिर्जापुर, जबलपुर, हैदराबाद, बंगलुरु और मदुराई होते हुये कन्याकुमारी तक जाता है।
- दिल्ली–मुंबई मार्ग– जयपुर, अजमेर, उदयपुर और अहमदाबाद होते हुए दिल्ली से मुंबई को जोड़ता है।
- अहमदाबाद–काण्डला मार्ग– अहमदाबाद से काण्डला पत्तन को जोड़ता है इसकी एक शाखा पोरबंदर को जाती है।
- अंबाला–तिब्बत मार्ग– यह अंबाला से शिमला होते हुए तिब्बत की सीमा तक जाने वाला उल्लेखनीय मार्ग है।
- दिल्ली–मुजफ्फरपुर मार्ग– यह मार्ग दिल्ली से लखनऊ एवं गोरखपुर होते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर तक जाता है जिसकी एक शाखा नेपाल की सीमा तक जाती है।
- असम मार्ग– यह मार्ग बिहार के भागलपुर से ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण में पूर्व की ओर नदिया तक जाता है।
- असम ट्रंक मार्ग– यह असम मार्ग से निकलकर दक्षिण की ओर मणिपुर होते हुए म्यांमार की सीमा तक विस्तृत है।
- जबलपुर– भोपाल-वियारो मार्ग
- आगरा– जयपुर-बीकानेर मार्ग
- शोलापुर– चित्रदुर्ग मार्ग
- हावड़ा– लखनऊ मार्ग (वाराणसी होते हुए)
राष्ट्रीय मार्ग अपेक्षाकृत सर्वोत्तम दशा में हैं।
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राजकीय मार्ग –
उक्त सड़कें राज्य प्रशासन के अंतर्गत हैं और ये जनपद केंद्रों को जोड़ती हैं। इनकी कुल लंबाई अप्रैल 1992 में 350 हजार किमी थी।
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स्थानीय अथवा जनपद मार्ग-
ये सड़कें जनपद के भीतर विभिन्न स्थानों तथा आसपास के जनपदों को जोड़ती हैं। इन मार्गों का रख-रखाव जिला परिषदों द्वारा होता है। इन सड़कों के वे भाग जो जनपदों के आंतरिक भागों या ग्रामों को जोड़ते हैं अधिकांशतया कच्चे हैं और वर्षा ऋतु में मोटरों के चलने योग्य नहीं रहते हैं। वर्तमान समय में इनकी कुल लंबाई 3,09,081 किमी है।
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ग्रामीण मार्ग –
ये सड़कें जनपद के प्रमुख बाजारों एवं ग्रामों को जोड़ती हैं। इनकी व्यवस्था ग्राम पंचायतें करती है। इनका अधिकांश भाग श्रमदान अथवा नेहरू रोजगार योजना के अंतर्गत निर्मित है जिससे ये वर्षा ऋतु में नष्ट हो जाती हैं तथा गमनागमन के योग्य नहीं रहती है। वर्तमान समय में इनकी कुल लंबाई 4,57,624 किमी है।
उक्त किस्मों के अतिरिक्त तेज व्यापारिक वाहनों की कार्य कुशलता को बनाए रखने के लिए देश में निम्न पाँच (ङ) एक्प्रेस राजमार्ग बनाये हैं- (क) मुंबई-सान्ताक्रुज (ख) मुंबई-ठाणे (ग) कोलकाता-दमदम (घ) पारादीप-सुकिंद्रा (खदानों तक) एवं (ङ) दुर्गापुर-कोलकाता।
अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग (International Highways)
तृतीय योजनाकाल में इकैफे के प्रस्ताव के अनुसार हमारे राष्ट्रीय राजमार्गों को अंतर्राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ने का कार्य प्रारंभ किया गया। इसके अंतर्गत भारत को पाकिस्तान में लाहौर और म्यांमार में माण्डले से जोड़ दिया गया है। यह मुख्य मार्ग अमृतसर, दिल्ली, आगरा, कोलकाता, गोलाघाट और इम्फाल को जोड़ता है। द्वितीय महत्वपूर्ण मार्ग आगरा से ग्वालियर, हैदराबाद एवं बंगलौर होते हुये धनुष्कोटि एवं बरही से काठमांडू को जाता है।
महत्वपूर्ण लिंक
- भारत में कोयला क्षेत्र
- मध्य गंगा के मैदान
- भारत में खनिज तेल (Mineral Oil in India)- वितरण एवं उत्पादन
- भारत में मैंगनीज- वितरण और उत्पादन
- भारत में लौह अयस्क (Iron Ore in India)
- भारत में जल-विद्युत शक्ति का विकास
- भारत में कृषि विकास में हरित क्रांति
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