भारत में लिंग अनुपात
भारत में लिंग अनुपात (Sex Composition in India)
भारतवर्ष में 1991 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 84.4 करोड़ में पुरुषों की संख्या 43.78 करोड़ (61.9%) एवं स्त्रियों की संख्या 10.66 करोड़ (48.1%) थी। इस प्रकार 1991 में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों का अनुपात 929 रह गया है।
भारत में स्त्रियों का अनुपात निरन्तर घट रहा है। एक हजार पुरुष-स्त्रियों का अनुपात जो 1971 में 930 था 1981 में बढ़कर 933 हो गया। परन्तु सन् 1991 में घटकर 929 प्रति हजार रह गया ।
भारत की जनसंख्या संरचना कुछ ऐसी है कि यहाँ स्त्रियों की संख्या कम तथा पुरुषों की संख्या अधिक है। 2001 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या 933 है। 2011 में इसके अनुपात में कुछ वृद्धि हुयी है। भारत में वर्ष 2011 की जनगणना में 1000 पुरुषों के पीछे 943 का लिंग अनुपात है। विगत 100 वर्षों में स्त्रियों का अनुपात कम होता गया है।
भारत की विभिन्न जनगणनाओं में लिंग अनुपात निम्नवत रहा :
भारत में वर्ष 1901 से 2011 के बीच पुरुष तथा स्त्रियों का अनुपात पुरुष तथा स्त्रियों का अनुपात (प्रति हजार पुरुष पर स्त्रियों की संख्या)

भारत में स्त्रियों की संख्या कम होने के कारणों में बाल विवाह, लड़कियों की उपेक्षा, प्रसव सम्बन्धी सुविधाओं की कमी, स्त्रियों का घर के कार्यों में दबे रहना आदि है। भारत में स्त्रियों की संख्या कम होने का प्रमुख कारण गर्भावस्था के समय कन्या भ्रूण की बड़ी संख्या में हत्या होना है।
राज्यवार लिंग अनुपात – भारत में स्त्री-पुरुषों के अनुपात में विभिन्न राज्यों में अन्तर पाया जाता है। भारत में केरल ही ऐसा राज्य है जहाँ पर स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। केरल में वर्ष 2001 में स्त्रियों की संख्या 1058 हो गयी। अन्य राज्यों में स्त्रियों की संख्या पुरुषों की संख्या से कम है।
भारत में लिंग अनुपात में असमानता के कारण
(Causes of Disparity in Sex-ratio in India)
प्रो. एस., एन. अग्रवाल का मत है कि, “भारत में मातृत्व मरण तथा बालिकाओं की शैशवकालीन मरण दर अधिक होने से स्त्रियों की संख्या कम है।
भारत में पुरुषों की संख्या स्त्रियों की संख्या अधिक होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
- भारत में 15 से 30 वर्ष के आयु वर्ग में स्त्रियों की मृत्यु दर सन्तानोत्पादन काल के कारण अधिक रहती है। न्यून आयु में विवाह होने एवं बार-बार गर्भ धारण करने और अपौष्टिक भोजन तथा प्रसव सम्बन्धी सुविधाओं के न होने से स्त्रियों में मृत्यु दर अधिक होती है।
- भारत में गरीबी के कारण महिलाओं को गर्भावस्था में अन्तिम दिनों तक काम करना पड़ता है, प्रसव पूर्व एवं प्रसव के उपरान्त स्त्रियों के देखभाल में कमी के कारण स्त्रियों की असमय ही मृत्यु हो जाती है।
- समाज में लड़कियों की उपेक्षा की जाती है तथा उनके स्वास्थ्य के प्रति अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। जिससे उनकी असमय मृत्यु हो जाती है।
- भारत में दहेज प्रथा भी स्त्रियों की मृत्यु दर को बढ़ाती हैं।
जे. एच. हट्टन के अनुसार, “प्रकृति द्वारा अधिक शक्तिशाली बनाए जाने के बावजूद बाल्यावस्था में तिरस्कृत तथा युवावस्था में कम आयु से ही तथा कम अन्तराल में शिशु-प्रसवों के दबाव के कारण भारत में स्त्रियों में मृत्यु का दबाव अधिक है जिसके परिणामस्वरूप यहाँ पुरुषाधिक्य है।’
भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात
(Sex-ratio in India)
देश के विभिन्न राज्यों में स्त्री-पुरुष अनुपात में भिन्नताः दिखायी देती है। केवल केरल की ऐसा राज्य है, जहाँ स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। 1981 की जनगणना के अनुसार केरल में 1000 पुरुषों के पीछे स्त्रियों की संख्या 1032 थी, जोकि 1991 में बढ़कर, 1036 तथा 2001 में बढ़कर 1058 हो गयी। अन्य सभी राज्यों में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की संख्या कम है। इसे तालिका द्वारा प्रदर्शित किया गया है –
तालिका
उपरोक्त तालिका में कुछ प्रमुख राज्यों का स्त्री-पुरुष अनुपात दिखाया गया है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकांश राज्यों में स्त्री-पुरुष अनुपात घट रहा है। जिसके आधार पर यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भारत में स्त्री-पुरुष अनुपात बढ़ रहा है।
महत्वपूर्ण लिंक
- जनसंख्या वृद्धि- आर्थिक विकास में सहायक है एवं बाधक
- जनांकिकी एवं जनांकिकी संक्रमण सिद्धान्त
- भारत में जनसंख्या वृद्धि एवं उसकी प्रवृत्तियां
- जनांकिकीय संक्रमण के चरण- (सी. पी. ब्लेकर के अनुसार)
- भारत में जनसंख्या वृद्धि की समस्या एवं कारण
- भारत में स्त्री अनुपात की घटती दर के कारण एवं परिणाम
Disclaimer: wandofknowledge.com केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से बनाया गया है। किसी भी प्रश्न के लिए, अस्वीकरण से अनुरोध है कि कृपया हमसे संपर्क करें। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम नकल को प्रोत्साहन नहीं देते हैं। अगर किसी भी तरह से यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है, तो कृपया हमें wandofknowledge539@gmail.com पर मेल करें।