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गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय (Home Ministry)

गृह मंत्रालय (Home Ministry)

भारत सरकार के समस्त मंत्रालयों में गृह मंत्रालय का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। इसी महत्व के कारण प्रोटोकोल नियमों के अनुसार कैबिनेट में प्रधानमंत्री के बाद ‘गृहमंत्री‘ का ही नाम आता है। गृह मंत्रालय किसी न किसी रूप में वे सभी कार्य करता है जो भारत सरकार से अपेक्षित है। इसलिए भारत सरकार के करीब 900 में से 500 कार्य अकेला गृह मंत्रालय करता है। गृह मंत्रालय की स्थापना का प्रमुख सभी देश में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत सरकार का गृह मंत्रालय प्राचीनतम मंत्रालय है जिसका विकास एक लम्बी प्रक्रिया से होकर हुआ है। 1843 ई० में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासनकाल पहली बार ‘गृह विभाग की स्थापना की गई। उस समय इस विभाग में विदेश, वित्त एवं सैनिक विभाग भी सम्मिलित थे। उस समय इस विभाग में 6 शाखाएं- सामान्य, राजस्व, समुद्रीय, न्यायिक, विधि एवं चर्च थी। 1855 ई० में पहली बार ‘सार्वजनिक निर्माण विभाग को इससे अलग किया गया। 1947 ई० में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अगस्त, 1947 ई० में इसका नाम गृह विभाग से बदलकर ‘गृह मंत्रालय’ (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स) किया गया। 1964 ई० में गृह मंत्रालय में ‘सामाजिक सुरक्षा विभाग जोड़ा गया। 1965 ई० में अगस्त से ‘आसाम राइफल्स’ का कार्य भी गृह मंत्रालय को सौंपा गया। 1966 ई० जनवरी में प्रशासनिक सुधार आयोग’ को भी इसमें जोड़ा गया। 1970 ई० में इसके अंतर्गत ‘कार्मिक विभाग की स्थापना की गई। 1974 ई० में इसके अन्तर्गत राजभाषा विभाग की स्थापना की गई। जनू 1977 ई० में गृह मंत्रालय में ‘कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग’ स्थापित किया गया। जनवरी, 1986 ई० में कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग इससे अलग करके इसको अलग मंत्रालय का दर्जा दिया गया। गृह मंत्रालय के हाथ इतने लम्बे हैं कि वह देश के किसी भी कोने में पहुंच सकता है। किसी भी व्यक्ति को छू सकता है तथा प्रभावित कर सकता है।”

गृह मंत्रालय का संगठन

(Organisation of Home Ministry)

भारत सरकार का गृह मंत्रालय देश का प्रमुख मंत्रालय है जिसका प्रमुख उद्देश्य बाहरी आक्रमणों तथा आन्तरिक गड़बड़ियों से देश की रक्षा करना है। अतः इसके कार्यों को व्यवस्थित रूप से सम्पादित करने के लिए इसके संगठन को भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के तहत चार प्रमुख भागों में बांटा गया है-

  1. आन्तरिक सुरक्षा विभाग
  2. राज्य विभाग
  3. राज्यभाषा विभाग
  4. गृह विभाग

आन्तरिक सुरक्षा विभाग का प्रमुख कार्य पुलिस. कानून एव व्यवस्था तथा पुनर्वास सम्बन्धी मामलों को देखना है। राज्य विभाग का प्रमुख कार्य केन्द्र-राज्य सम्बन्ध, अन्तर्राज्यीय सम्बन्ध, केन्द्र शासित क्षेत्र तथा स्वतन्त्रता सेनानी पेंशन के मामलों को देखना है। राजभाषा विभाग राजभाषा से सम्बन्धित संविधान के सम्बन्धों तथा राजभाषा अधिनियम, 1983 के उपबन्धों के क्रियान्वयन का कार्य देखता है। गृह विभाग का प्रमुख कार्य राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति द्वारा कार्य भार ग्रहण करने की अधिसूचना तथा प्रधानमंत्री एवं अन्य केन्द्रीय मंत्रियों की नियुक्ति की अधिसूचना आदि देखना है। आन्तरिक सुरक्षा विभाग, राज्य विभाग तथा गृह विभाग एक-दूसरे से सम्बद्ध होकर कार्य करते हैं तथा तीनों विभाग गृह सचिव के नियंत्रण में रहते हैं जबकि राजभाषा विभाग स्वतंत्र रूप से कार्य करता है जिसका एक अलग सचिव होता है।

गृह मंत्रालय को पदाधिकारियों के आधार पर निम्न दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-

राजनैतिक स्तर– भारत सरकार के गृह मंत्रालय का प्रधान कैबिनेट स्तर का एक वरिष्ठ मंत्री होता है, जिसे गृहमंत्री कहते हैं । गृहमंत्री की सहायता के लिए गृह राज्यमंत्री और गृह उपमंत्री होते हैं।

प्रशासनिक स्तर- गृह मंत्रालय के प्रशासकीय कार्यों के सम्पादन के लिए एक सचिवालय होता है। इस सचिवालय का प्रधान ‘गृह सचिव’ कहलाता है। गृह सचिव भारतीय प्रशासनिक सेवा (I.A.S.) का एक वरिष्ठतम सदस्य होता है। गृह सचिव के कार्यों में सहायता करने के लिए सचिवालय में कई अतिरिक्त सचिव, उपसचिव, संयुक्त सचिव, अवर सचिव आदि अधिकारी होते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य कर्मचारीगण होते हैं। गृह मंत्रालय के सचिवालय का कार्य 26 सम्भागों (Divisions) में बंटा हुआ है। प्रत्येक सम्भाग एक उपसचिव (Deputy Secretary) के अधीन रहता है। गृह मंत्रालय के कार्यों में सहायता करने के लिए 7 संलग्न कार्यालय, 11 अधीनस्थ कार्यालय, 3 परामर्शदात्री मण्डल तथा 3 सहायक मण्डल हैं।

गृह मंत्रालय के कार्य/भूमिका

(Functions/Role of Home Ministry)

भारतीय संविधान में गृह मंत्रालय के सर्वोच्च महत्व को देखते हुए इसे निम्नलिखित प्रमुख कार्य सौंपे गये हैं-

  1. देश में आंतरिक सुरक्षा से सम्बन्धित सभी मामलों पर कार्यवाही करना।
  2. केन्द्र-राज्य सम्बन्धों तथा अन्तर्राज्यीय परिषद से जुड़े सभी मामलों का निपटारा करना।
  3. राजभाषा से सम्बन्धित संवैधानिक उपबन्धों तथा राजभाषा अधिनियम, 1963 के उपबन्धों का क्रियान्वयन करना।
  4. संविधान के अन्तर्गत राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति द्वारा पद ग्रहण करने सम्बन्धी अधिसूचनाएं प्रधानमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्रियों की नियुक्ति के सम्बन्ध में अधिसूचना, राज्यों के राज्यपालों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों तथा प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति, त्यागपत्र तथा उन्हें हटाये जाने सम्बन्धी अधिसूचनाएं जारी करना।
  5. देश में नागरिकता, देशीयकरण, जनगणना, राष्ट्रीय ध्वज, पुरस्कार आदि से सम्बन्धित मामलों को देखना।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के कार्यों की संख्या को देखकर यह विदित है कि गृह मंत्रालय एक बहुकार्यकारी मंत्रालय है। गृह मंत्रालय का प्रमुख कार्य देश में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है। गृ मंत्रालय द्वारा सम्पादित किए जाने वाले प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

(1) देश में शांति और व्यवस्था बनाये रखना गृह मंत्रालय का यह सर्वप्रमुख कार्य है। गृह मंत्रालय मुख्यतः ऐसे मामलों को निपटाता है जिनका सम्बन्ध देश में शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने से है। देश में शांति एवं व्यवस्था भंग होने पर यदि राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करना हो तो ऐसे राज्यों का प्रशासन गृह मंत्रालय द्वारा ही संचालित किया जाता है। राष्ट्रीय संकटकाल के समय केन्द्रीय सरकार की सारी शक्तियों का प्रयोग गृह मंत्रालय ही करता है। राज्यों की पुलिस, जेल, रेलवे पुलिस, सतर्कता ब्यूरो, केन्द्रीय रक्षा कॉलेज आदि विभिन्न संगठनों का नियोजन तथा उनके कार्यों के समन्वय द्वारा यह मंत्रालय सारे देश की कानून और शांति व्यवस्था पर निगरानी रखता है।

(2) संघ सूची (केन्द्रीय सूची) से सम्बन्धित कार्य- गृह मंत्रालय भारत सरकार की केन्द्रीय सूची से सम्बन्धित सभी विषयों के कार्यों को सम्पादित करता है जैसे-

  • नये राज्यों का निर्माण करना
  • वर्तमान राज्यों की सीमाओं का पुनः निर्धारण करना
  • राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के चुनावों की अधिसूचना जारी करना (iv) सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन, भत्ते नियुक्ति, त्यागपत्र से सम्बन्धित कार्य करना
  • राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति एवं त्यागपत्र सम्बन्धित कार्य करना
  • प्रधानमंत्री एवं अन्य केन्द्रीय मंत्री व संसदीय सचिव की नियुक्ति सम्बन्धी कार्य
  • राज्य विधान मण्डल द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल द्वारा रोकने पर राष्ट्रपति को भेजना (viii) राज्यों में आपात्काल की घोषणा करना
  • केन्द्रीय गुप्तचर विभाग का प्रशासन देखना
  • अण्डमान, निकोबार द्वीप समूह, चण्डीगढ़ आदि केन्द्र शासित प्रदेशों से सम्बन्धित प्रशासन देखना
  • असम राइफल्स से सम्बन्धित कार्य देखना
  • सीमा सुरक्षा बल एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस से सम्बन्धित कार्य देखना।

(3) समवर्ती सूची से सम्बन्धित कार्य- गृह मंत्रालय समवर्ती सूची से सम्बन्धित निम्नलिखित विषयों के कार्यों को भी सम्पादित करता है-

  • विभिन्न दण्ड नियमों एवं कानून का निर्माण करना।
  • एक राज्य से दूसरे राज्य में अपराधियों को आदान-प्रदान करना।
  • प्रेस, समाचार-पत्र, सिनेमा की देश में व्यवस्था करना ।
  • सांख्यिकी आंकड़े तैयार करना।
  • दिल्ली फायर सर्विसेज से सम्बन्धित कार्य देखना।

(4) केन्द्र शासित प्रदेशों से सम्बन्धित कार्य- गृह मंत्रालय देश के केन्द्र शासित प्रदेशों के निम्नलिखित कार्यों को पूर्ण करता है-

  • लोक सेवाओं का संचालन करना।
  • जेल प्रशासन देखना और उनमें सुधार करना ।
  • कानून एवं व्यवस्था बनाये रखना।

(5) लोक सेवाओं का नियमन करना- गृह मंत्रालय की सलाह से राष्ट्रपति केन्द्रीय सेवाओं की स्थापना तथा उनसे सम्बन्धित अन्य प्रश्नों पर निर्णय लेता है। वह भारतीय प्रशासनक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति करता है। संघ लोक सेवा आयोग (U.P.S.C.) के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं की भर्ती, प्रशिक्षण, पदोन्नति, अनुशासनात्मक कार्यवाही से सम्बन्धित आचार संहिता बनाना।

(6) व्यावसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना- गृह मंत्रालय संलग्न कार्यालयों-लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी, मसूरी तथा राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद के माध्यम से भारतीय प्रशासकीय सेवा (I.A.S.), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करता है।

(7) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सम्बन्धी कार्य- गृह मंत्रालय देश की विभिन्न अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के उत्थान से सम्बन्धित विशेष कार्यों-शिक्षा, रोजगार आदि को सम्पादित करता है।

(8) राजभाषा से सम्बन्धित कार्य- गृह मंत्रालय अपने “राजभाषा विभाग हिन्दी 1974” से सम्बन्धित कार्यों को सम्पादित करता है। इसके माध्यम से हिन्दी भाषा को प्रभावी बनाने के लिए हिन्दी का विकास करना एवं हिन्दी का देश में प्रचार-प्रसार करना।

(9) समन्वय स्थापित करना- गृह मंत्रालय एक समन्वयकारी मंत्रालय है। यह स्वयं इतने को नहीं करता जितना दूसरे सम्बन्धित मंत्रालयों एवं कार्यालयों से करवाता है। राष्ट्रीय हित के प्रश्नों पर राज्य सरकारें एवं विभिन्न मंत्रालय इससे परामर्श लेती है तथा यह उनके प्रयासों से समन्वय की स्थापना करता है।

(10) भ्रष्टाचार निरोधक एवं प्रशासनिक सुधार कार्य– गृह मंत्रालय प्रशासन में सुधार लाने तथा भ्रष्टाचार का निवारण करने हेतु अपने केन्द्रीय सतर्कता आयोग के माध्यम से समय-समय पर अभियान चलाकर इन कार्यों को पूर्ण करता है।

(11) राजनैतिक कार्य- गृह मंत्रालय कुछ ऐसे भी कार्य सम्पन्न करता है जिनसे देश की राजनीति गम्भीर रूप से प्रभावित होती है। ऐसे कार्यो में समाचार-पत्र प्रकाशन, पासपोर्ट आदि से सम्बन्धित कार्य प्रमुख हैं। यह भारतीय पासपोर्ट अधिनियम तथा विदेशी नागरिकों से सम्बन्धित कानूनों एवं आदेशों के विषय में नीतिगत निर्णय लेता है।

(12) आपातकालीन कार्य- गृह मंत्रालय आपातकाल की इन स्थितियों में महत्वपूर्ण कार्य करता है-

  • संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश पर आक्रमण, युद्ध, सशस्त्र विद्रोह, आंतरिक अशांति होने पर आपात स्थिति घोषित करता हैं तथा प्रशासन देखता है।
  • अनुच्छेद 356 के तहत राज्यों की संवैधानिक मशीनरी विफल होने पर राष्ट्रपति शासन स्थापित करके प्रशासन चलाता है।
  • अनुच्छेद 360 के तहत देश में वित्तीय संकट होने पर प्रशासन चलाता है।

(13) अन्य कार्य- गृह मंत्रालय उपरोक्त मुख्य कार्यों के अतिरिक्त कुछ अन्य कार्य भी करता है-सम्पूर्ण भारत में जनगणना कराना, देश का सरकारी गजट प्रकाशित करना, स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन की व्यवस्था करना, देश में सार्वजनिक अवकाश एवं अन्य अवकाशों की व्यवस्था करना तथा देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों जैसे-भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री, वीरता पुरस्कार, जीवन रक्षा पदक पुरस्कार, कबीर पुरस्कार आदि की घोषणा करना है।

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